यास चक्रवात के कारण हुई लगातार बारिश, नदियों का बढ़ा जलस्तर
- स्वर्णरेखा, संजय व विंजय नदी, दक्षिणी कोयल व कोयना नदी उफान पर
- बारीश के वजह से कई कच्चे मकान गिरे, खेत हुए जलमग्न
रांची। यास चक्रवात का भयावह प्रभाव तो झारखंड में दिखने को नही मिला है। लेकिन चक्रवात के वजह से करीब करीब पूरे राज्य मेें हो रही से लगातार बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। राज्य के रांची व खंुटी सहित अन्य जिलों में लगातार हो रही बारीश के वजह से कई कच्चे मकान गिर गये। वहीं चक्रधरपुर में संजय व विंजय नदी, चाईबासा के जगन्नाथपुर स्थित बलियाडीह, मोंगरा देवनदी, वैतरणी, कंगीरा नदी और लातेहार के तूबेद नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। बोकारो के जैनामोड़ में भारी बारिश व तेज हवा के कारण बीच सड़क पर विशालकाय पेड़ गिर जाने से रोड पर लोगों की आवाजाही बंद हो गई है। चाईबासा के मुगादिघिया से डांगुवापोसी रेलक्षेत्र आने वाली पक्की सड़क पर बनी पुलिया बीते देर रात लगातार हुए बारिश के कारण धंस गई है।
चक्रधरपुर में तूफान के प्रभाव से दो दिन पहले से ही बारिश होने लगी थी। 27 मई सुबह 9 बजे तक 321.7 एमएम बारिश दर्ज की गई है। वहीं, क्षेत्र के संजय और विंजय नदी उफान पर है। चाईबासा के मनोहरपुर में दो दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इसकी प्रमुख वजह यहां से होकर बहने वाली दक्षिणी कोयल व कोयना नदी है। ये नदियां उफान पर हैं। जिसके वजह से इंदिरानगर, बीस खोली, लाइनपार के निचले इलाकों में इन नदियों के पानी के घुसने के आसार बढ़ गए हैं। लातेहार में भी लगातार 36 घंटे से हो रही बारिश की वजह से खेत से लेकर नदी, तालाब जलमग्न हो गए हैं। इधर लगातार हो रही बारिश से स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इसके कारण गालूडीह बराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए हैं। इससे स्वर्णरेखा का जलस्तर और भी ज्यादा बढ़ गया। इससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है।