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आत्मविश्वास को टूटने नहीं देना है, लक्षण दिखने पर इलाज की व्यवस्था ग्रामीण इलाकों में शुरु किया जाना जरुरीः डीसी

ग्रामीण इलाकों में फैलते संक्रमण पर गिरिडीह प्रशासन ने नगर भवन में किया समीक्षा बैठक

गिरिडीहः
गांवो में तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण और संक्रमण से हो रही मौत को लेकर शनिवार को शहर के नगर भवन में गिरिडीह प्रशासन खास समीक्षा बैठक किया। नगर भवन में हुए समीक्षा बैठक में डीसी राहुल सिन्हा समेत जिले के प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारी और पंचायत प्रतिनिधी भी शामिल हुए। समीक्षा बैठक में ग्रामीण क्षेत्र में फैलते कोरोना संक्रमण पर तो चिंता जाहिर किया गया। तो डीसी ने बैठक में मौजूद पंचायत प्रतिनिधियों और पुलिस पदाधिकारियों के बीच कहा कि किसी सूरत में अपने आत्मविश्वास को टूटने नहीं देना है। क्योंकि चुनौती है चुनौतियों के बीच हर एक व्यक्ति की सांस के लिए लड़ना है। डीसी ने पंचायत प्रतिनिधियों से यह भी कहा कि अब नए गाईड लाईन आ रहे है। तो गाइड लाईन के अनुसार ही काम करना होगा। लक्षण दिखने पर कोरोना का इलाज शुरु कर देना है। कोरोना के रिपोर्ट पर निर्भर नहीं रहना है। इसमें सबसे बड़ी जिम्मेवारी पंचायत प्रतिनिधियों का है। एक-एक ग्रामीण को मुखिया समेत वार्ड सदस्य जागरुक करें कि कोरोना से हारना नहीं लड़ना है। और सर्तकर्ता के साथ रहना है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ ढंाचा मजबूत नहीं है। ऐसे में ग्रामीण को आगाह करें, कि अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकले। डीसी ने इस दौरान गिरिडीह पुलिस के कार्य की तारीफ करते हुए कहा कि जब से पांबदियां शुरु हुई। पुलिस विभाग ने पांबदियों को सख्ती से लागू कराया। हालांकि डीसी ने यह भी कहा कि संक्रमण का चैन तोड़ने के लिए जिस प्रकार लाॅकडाउन लागू किया गया। उसका प्रभाव है कि जिले में संक्रमितों के केस कम आने शुरु हो गए है। कहा कि प्रवासी मजदूरों की वापसी शुरु हुई है। तो 14 वित्त आयोग की राशि का इस्तेमाल कर मजदूरों को क्वांरटीन सेंटर में भोजन की व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें।


मौके पर सिविल सर्जन डा. सिद्धार्थ सन्याॅल ने कहा कि ग्रामीणों को माॅस्क पहनने पर जोर देना है। सही वक्त पर इलाज शुरु कराना है। और समाजिक भागीदारी से संभव है। प्रयास ये करना है कि संक्रमण के चैन को हर हाल में ग्रामीण क्षेत्रों में भी तोड़ा जा सकेे। इस दौरान डीएसपी संजय राणा ने सरकार द्वारा जारी लाॅकडाउन के पांबदियों की जानकारी देते हुए कहा कि ग्रामीण इलाकों में शादी समारोह में अब भी लापरवाही दिख रही है। लेकिन जो निर्देश है उसके अनुसार शादी के लिए दोनों पक्षों को अपने थानों से शपथ देेकर अनुमति लेनी होगी कि समारोह में 11 से अधिक लोग नहीं रहेगें। साथ ही शादी घरों में होगा, और कोई बड़ा आयोजन किया जाएगा।
इधर समीक्षा बैठक में डीडीसी शशिभूषण मेहरा, अपर समाहर्ता विल्सन भेंगरा, सदर एसडीएम प्रेरणा दीक्षित, धनवार एसडीएम धीरज सिंह, उप नगर आयुक्त राजेश प्रजापति, सदर एसडीपीओ अनिल सिंह, डीएसपी संतोष मिश्रा समेत कई पदाधिकारी और पंचायत प्रतिनिधी शामिल हुए।

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