चुटीयारो मं डीवाईएफआई ने मनाया भगत सिंह का शहादत दिवस
वैकल्पिक नीतियों के लिए आम जनता को गोलबंद कर संघर्षों को तेज करने की जरूरत
कोडरमा। भारत की जनवादी नौजवान सभा (डीवाईएफआई) के बैनर तले चाराडीह पंचायत अंतर्गत चुटीयारो में मंगलवार को शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की 90वीं शहादत दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम शहीदों के चित्रों पर माल्यार्पण किया गया। जहां शहीदों तेरे अरमानों को मंजिल तक पहुंचाएंगे, शहीदों लेलो लाल सलाम आदि नारे लगाए जा रहे थे।
इस मौके पर रंजीत साव की अध्यक्षता में हुए विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए डीवाईएफआई के जिला सचिव सुरेन्द्र राम ने कहा कि भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव आदि क्रांतिकारी आजादी के आंदोलन के अग्रदूत थे। भगत सिंह ने देश की आजादी की लड़ाई को केवल अंग्रेजी साम्राज्यवाद से मुक्ति तक सीमित नही रखा, बल्कि उसे वर्गीय शोषण के खिलाफ लड़ाई से भी जोड़ा था। मानव समाज के लिए ऐसी मुक्ति तभी संभव है, जब उन्हें धार्मिक आधार पर बांटने वाली सांप्रदायिक ताकतों और विचारों को जड़ मूल से उखाड़ फेंका जाये। जातिवाद का समूल नाश हो, धर्म को पूरी तरह से निजी विश्वासों तक सीमित कर दिया जाय और आर्थिक न्याय को सामाजिक न्याय के साथ कड़ाई से जोड़ा जाये। ऐसा सामाजिक न्याय जो जाति प्रथा उन्मूलन की ओर बढ़े और स्त्री-पुरूष असमानता को खत्म करें, अन्याय पर आधारित मौजूदा व्यवस्था में आमूल परिवर्तन हो सके। कहा कि हमें भगत सिंह की मार्क्सवादी दृष्टिकोण से जुडना होगा और वैकल्पिक नीतियों के लिए आम जनता को गोलबंद कर संघर्षों को तेज करना होगा और पूंजीवादी-सांमती सत्ता को उखाड़ फेंकना होगा।
कार्यक्रम में बसंत तुरी, विजय साव, प्रमेशवर दास, धुरी सिंह, आकाश कुमार, विक्की कुमार, भुटाली साव, बैजनाथ साव, वार्ड सदस्य विजय सिंह, रूपेश राणा, मनोज प्रसाद साव, पप्पु राणा, पवन साव, रंजीत सिंह, चुन्नी कुमार, साहेब सिंह आदि मौजूद थे।