अरूणाचल से अगवा पांच युवकों को चीनी सेना ने सौंपा
नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश से गायब हुए पांच युवाओं को चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी यानी पीएलए ने सुरक्षित लौटा दिया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। शुक्रवार को असम के तेजपुर स्थित डिफेंस पीआरओ ने कहा था कि अपर सुबानसिरी से जो पांच युवा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) को पार कर चीन की सीमा में पहुंच गए थे, पीएलए उन्हें 12 सितंबर को सुबह 9.30 बजे लौटा देगी। तेजपुर में डिफेंस पीआरओ ने कहा था कि इन युवाओं को लोहित घाटी के दमाई में सौंपा जाएगा।
मालूम हो कि पांच सितंबर को अरुणाचल प्रदेश के एक विधायक ने चीनी सैनिकों के जरिये इन्हें उठा ले जाने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार से मदद की अपील की थी। इसके बाद हरकत में आई भारत सरकार की कूटनीतिक कोशिशें रंग लाती दिखी थी। शुक्रवार को ही केंद्र सरकार में मंत्री और अरुणाचल से सांसद किरण रिजिजू ने भी कहा था कि चीनी सेना पांच युवाओं को शनिवार को भारतीय अथॉरिटीज के हवाले कर सकती है। उन्होंने एक ट्वीट कर बताया था कि पीएलए ने मंगलवार को इस बात की पुष्टि की है कि 4 सितंबर को जो युवा भारत-चीन सीमा से गायब हो गए थे, उन्हें बॉर्डर के दूसरी तरफ लोकेट किया गया है। दूसरी ओर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के एडीटर हू शिजिन ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि पांचों युवा, भारत की इंटेलीजेंस एजेंसी का हिस्सा थे।
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक इन्हें दक्षिणी तिब्बत में उस समय पकड़ा गया था जब ये चीन की इंटेलीजेंस चोरी करने में लगे थे। उल्लेखनीय है कि अरुणाचल प्रदेश को चीन दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानता है। ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि ये पांचों शिकारी के भेष में थे और जासूसी के मकसद से शन्नान प्रांत में घुसे थे। अखबार की मानें तो भारत की मीडिया और सेना गलत जानकारी लोगों के बीच में साझा कर रही है।