दआरभीएस में बच्चों ने मनाया येलो डे, बच्चों ने खुब की मस्ती
- स्कूल के निदेशक व शिक्षकों ने बच्चों को बताया येलो रंग का महत्व
कोडरमा। झुमरी तिलैया में स्थित द रामेश्वर वैली स्कूल में शनिवार को यलो डे मनाया गया। इस मौके पर सभी बच्चों के साथ-साथ स्कूल की शिक्षिकाओं ने भी पीले रंग की ड्रेस पहना था। वहीं आडिटोरियम को भी पीले रंग के गुब्बारों और भिन्न भिन्न प्रकार के कट-आउट से सजाया गया। स्कूल की प्रचार्या रश्मि प्रवीण बर्णवाल ने छात्रों को यलो रंग के महत्व और इसकी उपयोगिता के बारे में बताया। इस मौके पर सभी बच्चे और शिक्षिकाएं मौजूद रही। प्रचार्या ने यह भी कहा कि पीला रंग खुशी, आशावाद व रचनात्मकता फैलाता है और हमारी आत्मा को सक्रिय करता है। बताया कि इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य बच्चों को इस रंग के महत्व के बारे में बताना है।
स्कूल निदेशक प्रवीण कुमार ने विद्यार्थियों को इस प्रकार की गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म में पीले रंग का संबंध गुरु बृहस्पति से माना गया है। जो हमारे जीवन में सुलभ मार्ग प्रशस्त करते हैं। विज्ञान के दृष्टिकोण से भी यह रंग मानव जीवन के लिए सदोपयोगी है। सूर्य के चमकदार और तेज किरणें भी पीले होते हैं। यह रंग स्वभाव से गर्म और ऊर्जा पैदा करने वाला होता है। इससे पाचन तंत्र, रक्त संचार और आंखें प्रभावित होती हैं। इस रंग के अंदर मन को बदलने की क्षमता होती है और यह जीवन में शुभता का प्रतीक है। नकारात्मक विचार खत्म कर उत्साह का संचार करता है। इस रंग से ज्ञान की प्राप्ति होने के साथ कुविचार दूर होते हैं। सनातन धर्म में पूजा-पाठ के दौरान इसका प्रयोग अनिवार्य माना जाता है।
शिक्षिका प्रिती एवं साची ने पीले रंग के विभिन्न परिधानों में सजे प्ले ग्रुप के बच्चों को इस रंग की बारीकियों व खूबियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही पीले रंग को विभिन्न कार्यों में प्रयोग में लाने के गुर भी सिखाए गए। कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने विभिन्न वस्तुओं में पीले रंग का इस्तेमाल कर उनकी सुंदरता को बढ़ाया और खूब मस्ती की। वहीं बच्चों के बीच पीले रंग का गुब्बारा वितरण किया।