चंदन और अंशु बरनवाल हत्याकांड के खिलाफ धनवार भाजपा ने निकाला प्रतिवाद मार्च, माले नेताओं को भी कोसा
जेल भेजे गए दोनों आरोपियों ने कई बातें कबूला, पीर बाबा ने दोनों भाईयों से ले रखा था 35 लाख
वापस करने का दबाव पड़ता देख रची गई हत्याकांड की साजिश
गिरिडीहः
चंदन और अंशु बरनवाल हत्याकांड के आरोप में बिहार के खैरा थाना पुलिस ने दिवाकर मंडल और कारु मिंया को शुक्ररवार को जेल भेज दिया। खैरा थाना की पुलिस शुरुक्रवार की सुबह ही दोनों आरोपियों को गिरिडीह के तिसरी थाना पहुंची। और दोनांे आरोपियों को साथ खैरा थाना ले गई। जहां से उनदोनों को खैरा थाना द्वारा जेल भेजने की बात कही जा रही है। सगे मृतक भाईयों के छोटे भाई कुंदन बरनवाल के आवेदन पर खैरा थाना पुलिस ने थाना कांड संख्या 241/21 दर्ज करते हुए चार आरोपियों को नामजद अभियुक्त बनाया है। इसमें कारु मियां, दिवाकर मंडल, पीर बाबा उर्फ प्रभाकर मंडल और देवा रविदास शामिल है। दो आरोपियों को जहां जेल भेज दिया गया। वहीं मुख्य आरोपी पीर बाबा और देवा अब भी फरार है। इधर हत्याकांड और केन्द्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी व धनवार विधायक बाबूलाल मंराडी के खिलाफ भाकपा माले नेताओं द्वारा किए गए बयानबाजी के विरोध में शुक्रवार धनवार के भाजपा कमेटी ने बाजार में प्रतिवाद मार्च निकाला। भाजपा के प्रतिवाद मार्च में पवन साव, सांसद प्रतिनिधी उदय सिंह, नकुल राय, शंभू बरनवाल, राजेन्द्र अग्रवाल, सूनील अग्रवाल, आलोक अग्रवाल, पंकज सिंह, महेन्द्र चैधरी, अनिल पांडेय, सोहन यादव समेत कई कार्यकर्ता शामिल हुए। भाजपा के प्रतिवाद मार्च में शामिल कार्यकर्ताओं ने इस दौरान माले नेताओं के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया। और माले पर झूठी राजनीति चमकाने का आरोप लगाया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि भाकपा माले की गंदी राजनीतिक के कारण ही पूरे इलाके की जनता हमेशा परेशान रही है। इस दौरान प्रतिवाद मार्च निकाल कर भाजपा कार्यकर्ताओं ने सरकार व प्रशासन से चंदन व अंशु हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार करने और परिजनों को मुआवजा देने का मांग किया।
इधर पुलिस सूत्र बता रहे है कि सगे भाईयों की हत्या का कारण प्रभाकर मंडल उर्फ पीर बाबा ही है। बिहार के जमुई जिले के खैरा थाना पुलिस की जांच और जेल भेजे गए दोनों आरोपियों से पूछताछ में कई बातें निकल कर सामने आई। पुलिस सूत्रों की मानें तो पैसे डबल करने का प्रलोभन देकर पीर बाबा उर्फ प्रभाकर मंडल ने चंदन व अंशु से 35 लाख रुपये की ठगी किया था।
प्रलोभन में फंसकर दोनों भाईयों ने तिसरी के कई कारोबारियों से कर्ज ले रखे थे। इतना ही नही पीर बाबा के प्रलोभन में फंसने के बाद जब दोनों भाईयों ने उसे देने के लिए जितने पैसे कर्ज लिया था। उसे वापस करने के लिए चंदन व अंशु बरनवाल लगातार पीर बाबा से पैसे वापस करने का दबाव भी डाल रहा था। फिलहाल पुलिस यही मानकर चल रही है कि दोनों भाईयों के दबाव के कारण ही पीर बाबा ने अपने इन्हीं तीन साथियों के साथ मिलकर दोनों भाईयों की हत्या कराया। यह अलग बात रही कि दिल्ली से गिरफ्तार करने के बाद भी तिसरी थाना पुलिस आरोपी पीर बाबा से कुछ कबूलवाने में नाकाम रही। और उसे मुक्त कर दिया। लेकिन दोनों भाईयों के संदिग्ध नरकंकाल मिलने के बाद अब सच्चाई सामने आ रहा है।