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कानून व्यवस्था हुआ है झारखंड में सबसे अधिक खराब, कारोबारियों में है कारोबार को लेकर भयः फेडरेशन चैंबर ऑफ कॉमर्स

राज्य में कोई सक्षम नेता नहीं, जिसका फायदा उठा रहे है राज्य के अधिकारी, अफसरशाही है हावी

गिरिडीह पहुंचे फेडरेशन के अध्यक्ष समेत कई पदाधिकारी, हेमंत सरकार को भी लिया निशाने पर

गिरिडीहः
फेडरशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के स्टेट प्रेसिडेंट किशोर मंत्री रविवार की गिरिडीह पहुंचे। इस दौरान उनके साथ महामंत्री अभिषेक रामाधीर, उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, कोषाध्यक्ष सुनील केडिया और गिरिडीह के अध्यक्ष निर्मल झुनझनवाला, सचिव प्रमोद कुमार, प्रदीप अग्रवाल, फेडरेशन के सदस्य और गिरिडीह के पदाधिकारी प्रदीप जैन और प्रसिद्ध उद्योगपति अमरजीत सिंह सलूजा भी शामिल थे। शहर के वृदांवन होटल में शहर के चुनिंदा कारोबारियों के साथ बैठक किया। तो देर शाम प्रेसवार्ता भी की। पत्रकारों से बातचीत के क्रम में फेडरेशन के नवनियुक्त अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि फेडरेशन ऑफ चैंबर यह मानता है कि राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से खराब हुआ है। पूरे राज्य में अपराध तेजी से बढ़ रहे है। इसका बड़ा असर राज्य के कारोबारियों के मनोबल पर भी पड़ा है। क्योंकि नए उद्योग लगाने से कई बड़े पंूजीनिवेशक डर रहे है। रांची में तो आएं दिन हत्या और अपहरण की घटनाएं बढ़ रही है। इसे भी कई बड़े कारोबारी दहशत में व्यापार चला रहे है। लिहाजा, अब फेडरेशन ने निर्णय लिया है जल्द ही फेडरेशन ऑफ चैंबर ऑफ कॉमर्स डीजीपी से मुलाकात करेगा। और परेशानियों को रखेगा। प्रेसवार्ता के दौरान फेडरेशन के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने हेमंत सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर करने के साथ संकेतो में कहा कि राज्य में कोई ऐसा सक्षम नेता नहीं है। जो राज्य को सही तरीके से चला सके, और यही कारण है कि पूरे राज्य में अफसरशाही हावी है। और यही अफसरशाही ने पूरे राज्य को बर्बाद कर रखा है। दिनोंदिन झारखंड में बेरोजगारी बढ़ रही है तो क्राइम भी उसी अनुसार बढ़ता जा रहा है। फेडरेशन के पदाधिकारियों ने कहा कि कारोबारियों को हर जोखिम के बीच कार्य करना पड़ता है।
प्रेसवार्ता के क्रम में कई मुद्दों का उदाहरण देते हुए कहा कि माइका खनन को लेकर जो पहल केन्द्र सरकार ने किया। वो राज्य में टिक नहीं सका। केन्द्र ने कुछ राहत दिया, लेकिन अधिकारियों का रवैया इस बड़े कारोबार के प्रति सही नहीं रहा। लिहाजा, जब ईडी की कार्रवाई छह माह पहले शुरु हुई, तो माइका लीज का फाईल पूर्व सचिव श्रीनिवासन के टेबल पहुंच कर दम तोड़ दिया। और अब हालात ऐसे है कि माइका कारोबार गिरिडीह और कोडरमा में दम तोड़ चुका है। वैसे फेडरेशन अब प्रयासरत है कि माइका कारोबार से जुड़े परेशानियों को दूर कर सके। लेकिन वर्तमान में खनन सचिव अबूबकर सिद्दीकी अतिरिक्त प्रभार है। और ईडी की कार्रवाई के कारण कोई अधिकारी इसे लेकर गंभीर नहीं बन रहे। फेडरेशन के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि गिरिडीह से जुड़े कई रेल प्रोजेक्ट लंबित है। क्योंकि गिरिडीह और कोडरमा सांसद की और से सिर्फ गिरिडीह चैंबर के पदाधिकारियों से पत्र लिया गया है। उस पत्र को रेल मंत्री समेत अन्य तक पहुंचाया गया या नहीं। इसकी जानकारी चैंबर को भी नहीं है।


वैसे फेडरेशन के पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता के दौरान गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को राज्य का सबसे बड़ा चेहरा बताते हुए कहा कि उनका मुकाबला किसी और सांसद से नहीं किया जा सकता। लेकिन फेडरेशन पटना और कोलकाता के लिए नई ट्रेन की स्वीकृति दिलाने के दिशा में प्रयासरत है। जल्द ही इस और सफलता मिलने की उम्मीद है। प्रेसवार्ता के क्रम में गिरिडीह चैंबर के अध्यक्ष निर्मल झुनझूनवाला ने कहा कि अभी राज्य के अधिकारियों ने ठेला और फुटपॉथ में लगाने वाले दुकानदारों को एफसीसीआई से निबंधित कराने को अनिर्वाय कर चुके है। और ये किसी भी स्तर पर राज्य सरकार के निर्णय को सही नहीं कहा जा सकता। इस बीच फेडरेशन के पदाधिकारियों ने गिरिडीह चैंबर के सदस्यों के साथ बैठक किया। जिसमें अशोक जैन, राजेन्द्र बगेड़िया, दीपक मोदी, विकास खेतान, मुकेश जालान, बांके बिहारी शर्मा समेत कई सदस्य मौजूद थे।

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