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सोलर लाईट खरीदारी में सरकारी राशि की लूट मामले में पंचायत सचिव के खिलाफ केस दर्ज

  • कोर्ट के निर्देश पर बीडिओ द्वारा दर्ज कराई जा रही है प्राथमिकी, आधा दर्जन पर होना बाकी
  • मिला था ज्रेडा के दर पर सोलर लाईट के लिए फंड
  • सचिवों ने लोकल भेंडर से सांठगांठ कर सोलर लाईट की की खरीदारी

गिरिडीह। जिले के डुमरी प्रखंड के आधा दर्जन पंचायत में सोलर लाईट की खरीदी और लगाने के मामले में बड़े पैमाने पर सरकारी राशियों का लूट हुआ है। हालांकि सरकारी राशि के लूट का यह मामला तो तीन साल पहले 2016-17 का है। लेकिन तीन सालों बाद इस मामले पर कोर्ट ने कार्रवाई का निर्देश दिया है। डुमरी प्रखंड के शंकरडीह पंचायत के पंचायत सचिव अशोक दास के खिलाफ डुमरी बीडिओ सोमनाथ ने डुमरी थाना में दो लाख 37 हजार के गबन का आरोप लगाते हुए रविवार को केस दर्ज कराया। वहीं केस दर्ज होने के बाद आरोपी पंचायत सचिव फरार हो चुका है। जबकि पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।

पंचायत संचिवों पर 15 लाख रूपये से अधिक का गबन का आरोप

डुमरी बीडिओ ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि सरकारी राशि के गबन के आरोप में डुमरी के आधा दर्जन पंचायत सचिवों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया जाना है। क्योंकि सोलर लाईट की खरीदारी मामले में इन पंचायत सचिवों ने करीब 15 लाख से अधिक का गबन किया है। इधर जिन पंचायत सचिवों के खिलाफ केस दर्ज किया जाना है। उसमें जानकी महतो और मोहन तूरी के खिलाफ पांच-पांच लाख की राशि गबन के आरोप में तो डुमरी के ही सहदेव यादव, सहदेव पासवान के खिलाफ दो-दो लाख और गौरीशंकर के खिलाफ 70 हजार की राशि गबन के आरोप में केस दर्ज किया जाना है। फिलहाल अभी एक पंचायत सचिव के खिलाफ ही केस दर्ज किया गया है।

13वीं व 14वीं वित की राशि से खरीदी गई थी करीब 30 हजार सोलर लाईट

डुमरी बीडिओ के अनुसार साल 2016-17 में डुमरी के कई पंचायतों में 13-14वीं वित्त आयोग की राशियों से 30 हजार से अधिक सोलर लाईट ज्रेडा के माध्यम से लगने थे। वह भी जे्रडा के कीमत के अनुसार हर लाईट 18 हजार रुपये के दर पर तय था। लेकिन सरकारी पैसों को चूना लगाने वाले इन भ्रष्ट पंचायत सचिवों ने गिरिडीह के स्थानीय भेंडर को उंचे कीमतों में सोलर लाईट की खरीदारी कर पंचायातों में लगा लिया। सरकारी पैसों को लूटने में पंचायत सचिवों का सहयोग डुमरी के कुछ मुखियाओं ने भी दिया था। राशि गबन के मामले का खुलासा होने के बाद मामला कोर्ट पहुंचा। जहां सभी आरोपी पंचायत सचिव और मुखिया केस हारे और कोर्ट ने आरोपियों को सरकारी राशि लौटाने का निर्देश दिया। इसके बाद मुखियाओं ने तो राशि लौटाया। लेकिन पंचायत सचिवों ने नहीं लौटाया। इसी आधार पर डुमरी के आधा दर्जन पंचायत सचिवों के खिलाफ केस दर्ज करने की प्रकिया शुरु हुई।

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