भाकपा माले ने केन्द्र सरकार के मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष का किया ऐलान
- शिकागों के शहिद मजदूरों के कारण दुनिया में मजदूरों को मिला अधिकार: माले
गिरिडीह। भाकपा माले ने रविवार को सदर प्रखंड के धोबीडीह में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाते हुए शिकागो के शहीदों को याद करने के साथ-साथ मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों पर हमला कर उसके खिलाफ संघर्ष तेज करने का आह्वान किया है। कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए स्थानीय जिला परिषद क्षेत्र के नेता पप्पू खान तथा प्रधान टुडु ने कहा कि, मोदी शासन में देश के गरीब मजदूरों का बुरा हाल हो गया है। हर दिन महंगाई बढ़ रही है, लेकिन मजदूरी नहीं बढ़ती। इसके खिलाफ हमें एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माले नेता राजेश यादव व राजेश सिन्हा ने कहा कि, आज का दिन शिकागो के उन शहीद मजदूरों को याद किया जाता है जिनकी बदौलत पूरी दुनिया में मजदूरों को अधिकार मिला तथा उनके काम के घंटे निर्धारित कर वाजिब मजदूरी मिलने का अधिकार प्राप्त हो सका। लेकिन मजदूरों की उस ऐतिहासिक जीत की बदौलत मिले अधिकारों को फिर से छीन लेने की कोशिश मौजूदा समय में हो रही है। मोदी सरकार हर दिन मजदूरों के अधिकार छीनने में लगी है। किसानों के खिलाफ भी इस सरकार ने काले कानून लाने की नापाक कोशिश कर चुकी है।
कहा कि, बड़ी-बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों की हितैषी मोदी सरकार मजदूरों को अधिकार विहीन करने में लगी है लेकिन यह साजिश नहीं चलने दिया जायेगा। ऐतिहासिक किसान आंदोलन की बदौलत जिस तरह मोदी सरकार को काले कृषि कानून वापस लेने पड़े, वैसा ही मजदूरों के खिलाफ लाए गए लेबर कोड का भी होगा। उन्होंने लोगों से मई दिवस के अवसर पर मजदूर-किसान विरोधी केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज करने के संकल्प का भी आह्वान किया।
कार्यक्रम में प्रधान टुडु, सोरेन चौड़े, मनोज हांसदा, मुकेश दास, दीपक दास, मनोज दास, छोटका मियां, अनिल तुरी, पप्पू दास, पप्पू तुरी सहित कई माले कार्यकर्ता शामिल थे।