वन विभाग के द्वारा चंदवापहरी गांव में जल मीनार को हटाने के मामले की जांच करने पहुंचे बीडीओ
- ग्रामीणों से की पूछताछ, मामला पाया गया सही, वनविभाग को जल्द जमीन मापी कराने का दिया निर्देश
गिरिडीह। तिसरी प्रखंड के खतपोंक पंचायत के चंदवापहरी गांव में जल नल योजना के तहत बनाया गया जलमीनार को वन विभाग के टीम द्वारा सामान उखाड़ कर अपने साथ ले जाने के मामले की जांच करने के लिए तिसरी बीडीओ संतोष प्रजापति और थाना प्रभारी प्रदीप कुमार पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से विस्तृत जानकारी ली।
मौके पर बीडीओ श्री प्रजापति ने कहा कि बीते दिन जल नल योजना के तहत बनाये गए जलमीनार को वन विभाग की टीम द्वारा सामान उखाड़ कर अपने साथ ले गए। जांच के दौरान ग्रामीणों से पता चला कि पांच छह महीना पूर्व जलमीनार बन गया था। पानी का उपयोग भी किया जा रहा था। वनविभाग के कर्मी इस बीच गांव में कई बार आए लेकिन एक बार भी कोई कुछ कहा नही गया। कहा जब ऐसी बात है तो यह जांच का विषय है की जमीन में बना जलमीनार वन विभाग के अंदर है या बाहर। तत्काल पंचायत के मुखिया जानकी यादव को निर्देश दिया गया कि जल्द जमीन मांपी कर सूचना दे की वनभूमी, रैयती या गैर मजरूआ जमीन में जलमीनार बन रहा था।
इधर झामुमो के प्रखंड अध्यक्ष रिंकू बरनवाल ने कहा कि चंदवापाहरी के गरीब आदिवासी ग्रामीण वन विभाग और पीएचईडी विभाग के बीच पीस रहे है। कहा कि छह महीना से जब काम चल रहा था तो उस वक्त वन विभाग के अधिकारी कहा थे। जलमीनार को उखाड़ने से वहां के लोगों को पीने के पानी के लिए काफी परेशान होना पड़ रहा है। कहा कि जल्द से जल्द इस समस्या का निराकरण विन विभाग के द्वारा किया जाना चाहिए।