जिला पर्षद की बैठक में सदस्यों ने नल जल योजना को लेकर किया हंगामा
- कहा मोदी सरकार की नल जल योजना प्रभावकारी, अधिकारी और ठेकेदार पर लगाया गड़बड़ी का आरोप
गिरिडीह। गिरिडीह जिला पर्षद बोर्ड की बैठक बुधवार को डीआरडीए मीटिंग हॉल में हुई। बैठक शुरू होते ही कई जिला पर्षद सदस्यों केंद्र सरकार के नल से जल योजना को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया। बैठक में जिला पर्षद अध्यक्ष मुनिया देवी, जिला पर्षद उपाध्यक्ष छोटे लाल यादव, डीडीसी शशिभूषण मेहरा, प्रमुख नारायण पांडेय और सदर विधायक प्रतिनिधि प्रमिला मेहरा समेत कई जिला पर्षद सदस्य व अधिकारी शामिल हुए।

इस दौरान जमुआ के जिला पर्षद सदस्य विजय पांडेय हाथो में तख्ती लिए हंगामा करते हुए कहा कि सिर्फ पीएचईडी एक और दो अधिकारियों की गड़बड़ी के कारण नल से जल योजना की हालत खराब है। सही तरीके से योजना पर दोनो पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता ध्यान नही दें रहे है और ठेकेदारों को योजना का भुगतान किया जा रहा है। जबकि केंद्र की मोदी सरकार की यह योजना काफी महत्पूर्ण है, और बेहद कारगर भी। लेकिन सब बेकार क्योंकि पूरे जिले में कमोबेश एक जैसा हाल है। जमुआ के जिला पर्षद विजय पांडेय हंगामा करते हुए जमीन पर बैठ गए, और बोर्ड के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा की अगर उनकी परेशानियों को नही सुना गया, तो वे इस बैठक का बहिष्कार करेंगे। इस बीच उनके हंगामे को समर्थन तिसरी प्रखंड के प्रमुख और माले नेता राजकुमार यादव ने भी किया।
इस दौरान बैठक में प्रमुख नारायण पांडेय ने सरिया के पावापुर पंचायत के फर्जी लाभुक का मुद्दा उठाया और कहा की पवापुर के एक सीएसपी संचालक अकेले गलत तरीके से 50 लोगां का विधवा पेंशन का फायदा ले रहे है। लेकिन सामाजिक सुरक्षा विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर अप्पू कौशिक को इस मामले की जानकारी तक नही है। इस मामले में प्रमुख नारायण पांडेय ने सहायक निदेशक का जमकर क्लास लिया और कहा की सरिया के सीएसपी संचालक के खिलाफ तुरंत केस दर्ज करना जरूरी है, प्रमुख के मांग पर डीडीसी ने अप्पू कौशिक को जांच कर केस दर्ज करने का निर्देश दिया। बैठक में कई ओर मुद्दों पर चर्चा हुई और कई जिला पर्षद सदस्यो ने अपने अपने इलाके के समस्या को उठाया।