तीन महीनें के भीतर गिरिडीह पुलिस विभाग में ताबड़तोड़ ट्रांसर्फर-पोस्टिंग, तो लगातार होते घटना के बाद भी मुफ्फसिल थाना की कुर्सी सुरक्षित
अपराध नियंत्रण को लेकर हो रहे तबादले, लेकिन जिला मुख्यालय के एक थाना पर मेहरबानी क्यों
ट्रांसर्फर-पोस्टिंग के कारण ही गिरिडीह पुलिस विभाग में भी चर्चा तेज
गिरिडीह
अपराध नियंत्रण के तमाम प्रयास गिरिडीह पुलिस वर्तमान में कर रही है। लेकिन कुछ अपवाद छोड़कर अब तक क्राइम कंट्रोल को लेकर पुलिस को सिर्फ नाकामी ही मिली है। इसी की बानगी है कि बिगड़ते क्राइम कंट्रोल में सुधार लाने के लिए ही तीन माह में अब तक पूरे जिले में कई थाना प्रभारियों पर गाज गिरी। तो कई नए रंग-रुट के पदाधिकारियों को योग्यता के साथ पैरवी के बलबूते थाना संभालने तक का मौका दिया गया। लेकिन जिला मुख्यालय के ही मुफ्फसिल थाना में दिसबंर और जनवरी के बीच 20 दिनों के भीतर लगातार दो घटनाएं हुई। हालांकि इसे पहले भी कई घटनाएं हो चुकी है। लेकिन इन दो घटनाओं ने मुफ्फसिल थाना से लेकर वरीय अधिकारियों पर भी सवाल खड़े किए। वैसे इन दोनों मामलों में उपलब्धि भले ना मिला हो। लेकिन थाना की कुर्सी हर गंभीर घटनाओं और उन्हें लेकर हुए प्रदर्शन के बीच सुरक्षित ही रही। अब इसके पीछे का रहस्य क्या है यह तो हर किसी के समझ में नहीं आ रहा है। वहीं अब इसकी चर्चा पुलिस महकमे में ही खूब जोर-शोर से होने लगी है। लगातार हो रहे तबादलों ने गिरिडीह पुलिस के भीतर चर्चा गर्म कर दिया है कि आखिर इन तबादलों का राज क्या है। चर्चा में शामिल पदाधिकारी और जवान कुछ समझ पाते कि इसे पहले समझ पाते कि मंगलवार को गणतंत्र दिवस बींता भी नहीं था कि पांच नए पुलिस पदाधिकारियों को थाना सौंपने की नई लिस्ट मंगलवार देर रात को तैयार हुआ। तो बुधवार को जारी भी कर दिया गया।
इधर बुधवार को जारी हुए नए लिस्ट के अनुसार नगर थाना में पोस्टेड एसआई संतोष मंडल को देवरी का नया थाना प्रभारी नियुक्त किया गया। नगर थाना में ही पोस्टेड रवीन्द्र पांडेय को गांडेय का नया थाना प्रभारी नियुक्त किया गया। तो गांवा थाना में पहले से पोस्टेड पप्पू कुमार को लोकायनयनपुर का नया थाना प्रभारी बनाया गया। जबकि भेलवाघाटी के थाना प्रभारी मो. जलालुद्दीन को वापस पुलिस केन्द्र बुला लिया गया। वहीं कर्तव्यहीनता के आरोप में लाईन हाजिर बेंगाबाद के पूर्व थाना प्रभारी प्रशांत कुमार को भेलवाघाटी का नया थाना प्रभारी नियुक्त किया गया है।
बहरहाल, ट्रांसर्फर-पोस्टिंग की नई लिस्ट जिस प्रकार जारी किया गया। उसके बाद चर्चा एक बार फिर गर्म हो चुका है। क्योंकि तीन महीनें के भीतर यह कोई नया लिस्ट नहीं है। बल्कि, पचंबा थाना में तीन महीनें के भीतर तीन नए थाना प्रभारियों का पदस्थापन किया गया। इसमें पूर्व थाना प्रभारी शर्मानंद सिंह को पचंबा थाना से पहले गांडेय किया गया। जबकि पचंबा का थाना प्रभारी मुकेश दयाल सिंह को नियुक्त किया गया। 20 दिनों के भीतर मुकेश दयाल सिंह को बेंगाबाद थाना में बतौर एसआई पोस्टिंग किया गया। तो पचंबा थाना का जिम्मा अब नीतिश कुमार को सौंपा गया। फिलहाल नीतिश कुमार ही थाना प्रभारी है। इसी प्रकार गांडेय थाना के प्रभारी शर्मानंद सिंह को प्रशिक्षु आईपीएस हारिश-बिन जमां के प्रोबेशनल पीरियड के कारण हटाकर बिरनी थाना का जिम्मा दिया गया। तीन महीनें के भीतर ही नगर थाना से देवरी थाना प्रभारी बनाएं गए गौरव कुमार के यौन शोषण के आरोप में फंसने के बाद देवरी का प्रभार वहां के एक पुलिस पदाधिकारी को ही कुछ दिनों के लिए सौंपा गया था। वहीं अब जा कर देवरी को नए थाना प्रभारी के रुप में नगर थाना के एसआई संतोष मंडल को थाना प्रभारी बनाया गया।