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आर्थिक तंगी से परेशान प्रवासी मजदूर ने लगाई फांसी

गिरिडीह। कोरोना के कारण हुए लाॅकडाउन से सभी लोग प्रभावित हैं। बड़े उद्योग जहां घाटे में जा रही है, वहीं बड़े बड़े उद्योगों में काम करने वाले मजदूर भी आर्थिक तंगी से परेशान हैं। खासकर प्रवासी मजदूरों की स्थिति और भी दयनीय हो चुकी है। ऐसे मजदूरों को अब वापस जाने पर काम नहीं मिल पा रहा है, तो घर पर भी वे बेकार हो चुके हैं। ऐसे में इनके समक्ष आत्महत्या जैसे हालात बनते जा रहे हैं।

कमरे में खुद को बंद कर की आत्महत्या

ऐसा ही एक मामला शनिवार को मोतीलेदा का सामने आया है। यहां के एक प्रवासी मजदूर ने शुक्रवार की शाम आर्थिक तंगी से परेशान हो कर आत्महत्या कर ली। बताया गया कि बेंगाबाद थाना क्षेत्र के केन्दुंआगढ़ा के मोतीलेदा निवासी 30 वर्षीय प्रवासी मजदूर मनोज कुमार ने शुक्रवार की शाम करीब सात बजे आत्महत्या कर लिया। मृतक ने खुद को कब कमरे में बंद किया, और फांसी लगा लिया। घटना के कुछ देर बाद जब उसकी पत्नी कमरे से पति मनोज कुमार को बुलाना चाही, तो कमरा बंद मिला। इसके बाद मृतक की पत्नी ने मदद के लिए सबों को बुलाया। इस बीच कमरे का दरवाजा खोला गया तो मृतक का शव रस्सी के सहारे झूल रहा था। इधर घटना की जानकारी मिलते ही बेंगाबाद पुलिस घटनास्थल पहुंची और शव को कब्जे में ले पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।

काम नहीं मिलने से था परेशान

इस संबंध में मृतक की पत्नी दुलारी देवी ने बताया कि मनोज करीब 10 वर्षों से सूरत में कपड़ा मिल में काम करता था। लाॅकडाउन के कारण वह चार महीना पहले घर लौटा था। बताया कि अनलाॅक की प्रकिया के दौरान वह 20 दिनों पहले सूरत गया था लेकिन मिल के मालिक ने उसे दोबारा रखने से मना कर दिया। इसके बाद वह कई कारखानों में काम मांगने गया। लेकिन हर तरफ उसे निराशा ही हाथ लगी। जिसके बाद वह थक हारकर वापस अपने घर लौट आया था।

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