महिलाओं व युवतियों को शिक्षक और सुपरवाईजर बनाने वाले ठग को गिरिडीह पचंबा थाना पुलिस ने दबोचा
जिले में छह सौ से अधिक लोगों को बना चुका था शिक्षक और सुपरवाईजर
गिरिडीहः
पैसे लेकर शिक्षक और सुपरवाईजर की नौकरी देने वाले फरार ठग को गिरिडीह पचंबा थाना पुलिस ने ढाई साल बाद शनिवार की देर रात गिरफ्तार कर लाई। तो रविवार को जेल भी भेज दी। बेंगाबाद के तेलोनारी गांव का ठग मो. सुल्तान अंसारी को हजारीबाग से पुलिस गिरफ्तार कर लाई। लेकिन गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में इस ठग ने जिन बातों को कबूला। उसे सुन कर पचंबा थाना पुलिस भी सन्न रह गई। लिहाजा, महिला व युवतियों को शिक्षक और सुपरवाईजर के पद की प्राईवेट नौकरी और सात से आठ हजार का वेतन देने का प्रलोभन देकर बेंगाबाद के इस महाठग ने जिले के महिलाओं से पांच-पांच हजार की ठगी कर लिया। यही नही फील्ड वर्क करने के नाम पर इस महाठग ने कुछ महिलाओं को खुद के बनाएं संस्था नोबेल चेरिटेबल के नाम पर स्कूटी भी दिलाया। वहीं स्कूटी फाईनेंस करने वाली एजेंसी एचडीएफसी बैंक भी अब इन महिलाओं व युवतियों से किस्त देने की मांग कर रही है।
मो. सुल्तान नाम के इस ठग ने ढाई साल पहले जिन-जिन महिलाओं से पैसे लेकर शिक्षक और सुपरवाईजर बनाया। उन्हें जब कई महीनों बाद तक वेतन नहीं मिला। तो नटवर लाल के ठग का शिकार हुई भुक्तभोगी महिलाओं ने बेंगाबाद और पचंबा थाना में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराई। केस दर्ज होने के बाद से ही यह आरोपी फरार चल रहा था। लेकिन इन ढाई सालों के दौरान पचंबा थाना पुलिस ने कई बार इसके गिरफ्तारी का प्रयास किया। लेकिन नाकाम रही। शनिवार को जब पचंबा थाना पुलिस को इसके हजारीबाग में छिपे होने की गुप्त सूचना मिली। तो थाना प्रभारी नीतिश कुमार के निर्देश पर एसआई राजीव सिंह इसके ठिकाने पर छापेमारी कर इसे गिरफ्तार कर लाने में सफल रहे। लेकिन इस आरोपी को जेल भेजने के लिए ही पंबचा थाना को खूब पसीना बहाना पड़ा। क्योंकि आरोपी को मुक्त करने के लिए कई पैरवीकार के फोन भी आएं।
इधर गिरफ्तारी के बाद पचंबा थाना पहुंची नटवर लाल के ठगी का शिकार भुक्तभोगी महिलाओं व युवतियों में शहर के पंजाबी मुहल्ला की आरती दास समेत हालिया सदिमा, सरस्वती दास, रुबी भारती समेत अन्य लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि मो. सुल्तान ने जिन-जिन से सुपरवाईजर व शिक्षक की नौकरी देने के नाम पर ठगा। उनमें कुछ को रसीद दिया। तो अधिकांश को अपने भरोषे में लेकर ठगी किया। पैसे लेकर नौकरी देने के नाम पर यह महाठग शर्त भी रखता कि बच्चों को पढ़ाने के लिए उन्हें घर जाना होगा। और हर बच्चे से साढ़े तीन सौ रुपये का रजिस्ट्रैशन फीस लेना होगा। ठग द्वारा नौकरी मिलने के बाद कई महिलाओं ने ऐसा किया भी। लेकिन किसी को वेतन नहीं मिला। इसके बाद इन्हें जब ठगे होने का अहसास हुआ। तो ढाई साल पहले सारी भुक्तभोगी पचंबा और बेंगाबाद थाना में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराई।