अरगाघाट में पानी टंकी फैक्ट्री में हुए ब्लास्टिंग की घटना का गिरिडीह एसडीएम ने दिया जांच का आदेश
जांच टीम को दो दिनों के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश, घनी आबादी में किस स्तर पर चल रहा था फैक्ट्री
और फैक्ट्री के भीतर स्टाॅक से बड़े पैमाने पर सिलेंडर कैसे किए गए थे स्टाॅक
गिरिडीहः
गिरिडीह शहर के मकतपुर-अरगाघाट रोड के श्रम कल्याण केन्द्र के समीप घनी आबादी में संचालित पानी टंकी फैक्ट्री में हुए घटना के तीसरे दिन सदर एसडीएम ने मामले की जांच का आदेश दिया है। एसडीएम प्रेरणा दीक्षित के निर्देश पर फैक्ट्री निरीक्षक गोपाल कुमार और कार्यपालक दडांधिकारी धीरेन्द्र कुमार जांच टीम में शामिल किए गए है। दोनों अधिकारियों को एसडीएम ने अगले दो दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दी है कि आखिरकार घनी आबादी में एक पानी टंकी फैक्ट्री कब से और कैसे चलाया जा रहा था। फैक्ट्री प्रबंधन को सीटीओ और लाईसेंस किस स्तर पर निर्गत किया गया। फैक्ट्री में कार्यरत मजदूर और कर्मियों का निबंधन किया गया था या, नहीं। पूरा पानी टंकी फैक्ट्री कितने वर्गफीट में फैला है। और इसके आसपास कितनी की आबादी है। यही नही फैक्ट्री के भीतर इतने पैमाने पर गैस सिलेंडर क्यों और कैसे स्टाॅक कर रखे गए थे। एसडीएम के जांच गठित किए जाने के बाद फैक्ट्री प्रबंधन की परेशानी बढ़ना तय माना जा रहा है। वैसे प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो जांच रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम के निर्देश अरगाघाट-मकतपुर रोड में संचालित पानी टंकी फैक्ट्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है।
वैसे फैक्ट्री निरीक्षक ने पहले ही स्पस्ट कर दिया कि जिस फैक्ट्री में विष्फोटक और इसे जुड़े मैटेरियल का इस्तेमाल किया जाता है। वैसे फैक्ट्रियों को किसी सूरत में शहर के घनी आबादी में संचालित करने का कोई प्रावधान नहीं है। लिहाजा, ऐसे फैक्ट्री के लाईसेंस को रद्द किए जाने चाहिए।
फैक्ट्री निरीक्षक की मानें तो शहर के घनी आबादी में संचालित इस पानी टंकी फैक्ट्री को लाईसेंस लेने के लिए प्रबंधन की और से माइका फैक्ट्री के भीतर संचालित करने का आवेदन आॅनलाईन फाईल किया था। इसके बाद ही प्रबंधन को लाईसेंस इश्यू किया गया। हालांकि अब एसडीएम द्वारा जांच टीम गठित किए जाने के बाद बताया जा रहा है कि जांच टीम में शामिल अधिकारी हर स्तर पर जांच कर रिपोर्ट दो दिनों के भीतर एसडीएम को सौपेगें। बताते चले कि गुरुवार की शाम फैक्ट्री के गैस पाईप में आग लगने के बाद ब्लास्टिंग हुआ था। जिसमें पांच मजदूर गंभीर रुप से झुलस गए थे। यही नही घटना के दौरान आसपास का इलाका भी थर्रा उठा था।