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भारतीय किसान महासभा सहित कई संगठनों ने कृषि बिल के खिलाफ किया प्रदर्शन

किसान विरोधी कानून थोपने का काम कर रही है केन्द्र सरकार

कोडरमा। देशव्यापी विरोध दिवस के तहत किसान विरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर अखिल भारतीय किसान महासभा और झारखण्ड राज्य किसान सभा (एआईकेएस) के संयुक्त बैनर तले डोमचांच बाजार मे विरोध प्रदर्शन व सभा आयोजित किया गया। इससे पूर्व महेशपुर चैक से शहीद चैक तक जुलूस निकाला गया। अध्यक्षता किसान महासभा के जिला संयोजक राजेंद्र मेहता ने किया।

वक्ताओं ने कहा कि आज दिल्ली के जंतर-मंतर में देश के सभी राज्यों की राजधानी और गांव कस्बों में मजदूर विरोधी श्रम संहिता और किसान विरोधी कृषि कानून थोपने के खिलाफ किसान विरोध कर रहे हैं। संसद में घोर अलोकतांत्रिक तरीके से जिस तरह कृषि कानूनों को पारित घोषित किया गया है, उससे साफ है कि केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी सरकार को न तो संसदीय जनतंत्र की परवाह है और न ही देश के संविधान पर कोई आस्था है, इस सरकार ने देशी-विदेशी कॉरपोरेटों के आगे घुटने टेकते हुए देश की अर्थव्यस्था और खाद्यान्न बाजार को इनके पास गिरवी रख दिया है, ताकि ये आम जनता को लूटकर अधिकतम मुनाफा कमा सके। केंद्र सरकार के तीनों कानूनों को भले ही सरकार किसान हित में बता रही है लेकिन ये अन्नदाता किसान हित में नहीं है।

प्रदर्शन करने वाले किसानों पर सख्ती बरतने की की निन्दा

इस दौरान वक्ताओं ने दिल्ली जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने जा रहे किसानों को रोकने के लिए राज्यों के बॉर्डर में पुलिस द्वारा किसानों पर सख्ती बरतने, उन पर आंसू गैस के गोले छोड़ने, वॉटर कैनन, पानी की बौछार का इस्तेमाल किए जाने की निंदा की। प्रदर्शन मंे माले के जिला सचिव मोहन दत्ता, एआईकेएस के असीम सरकार, तुलसी राणा, भगीरथ सिंह, बिरेन्द्र घटवार, जोबराज साव, शिवनारायण यादव, प्रकाश यादव, मनीष कुमार, मोहित सिंह, रामलखन दास सहित दर्जनों लोग शामिल थे।

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