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धनबल और तंत्रबल पर हावी दिख रहा जयराम का जनबल, उड़ाई एनडीए व इंडी प्रत्याशी की नींद

  • जयराम की सभा और रैलियों में उमड़ रही समर्थकों की भीड़, युवाओं के साथ साथ महिलाओं व बुजुर्गों को भी भा रहा जयराम का अंदाज़
  • मथुरा को जेल में बंद हेमंत का सहारा, तो मोदी की नाव पर सवार है सीपी चौधरी

रिंकेश कुमार

गिरिडीह रू लोकसभा चुनाव के छठे चरण में गिरिडीह में मतदान होना हैप्प्। अब प्रचार का अंतिम दौर है और गिरिडीह लोकसभा चुनाव को लेकर प्रचार प्रसार चरम पर है। चुनाव की बढ़ती तपिश के साथ ही नजारा भी दिलचस्प होता जा रहा है। चुनावी सुगबुगाहट के साथ पूर्व में यहाँ मुकाबला सिटिंग सांसद चन्द्रप्रकाश चौधरी और झामुमो प्रत्याशी टुंडी विधायक मथुरा महतो के बीच माना जा रहा था, लेकिन हाल के दिनों में जिस प्रकार से जेबीकेएसएस के जयराम महतो उभर कर सामने आये हैं, उससे दोनों ही प्रत्याशियों की नींद हराम हो गई है। यूँ कहा जाये कि भले ही दोनों प्रत्याशी धनबल या तंत्र बल के मामले में जयराम महतो से काफी मजबूत हैं, लेकिन महज दो साल पहले ही राजनीति में आए युवा नेता जयराम महतो ने अपने जनबल के सहारे चुनाव प्रचार के दौरान इंडी गठबंधन व एनडीए गठबंधन के प्रत्याशी की हालत खराब कर दी है। हाल के दिनों में चुनाव प्रचार के दौरान जिस प्रकार से जेबीकेएसएस के जयराम महतो की सभाओं और रैलियों में समर्थकों की भीड़ उमड़ रही है, उससे अंदाजा लगाया जाने लगा है कि कहीं धनबल व तंत्रबल पर जनबल भारी ना पद्फ़ जाए। जयराम की सभाओं और रैलियों में उमड़ रही भीड़ यदि वोट में बदल गई तो गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में कुछ भी संभव है।

इंडी गठबंधन के प्रत्याशी मथुरा महतो का आलम यह है कि उन्हें जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ही एक मात्र सहारा मिलता दिख रहा है। मथुरा महतो के चुनावी प्रचार के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जेल में बंद तस्वीर का उपयोग जनता की सहानुभूति बटोरने के लिए किया जा रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो इंडी गठबन्धन विक्टीम कार्ड खेलने की फिराक में है, जिसके माध्यम से वो आदिवासी व अल्पसंख्यक वोटरों को पूरी तरह से अपने पक्ष में करने लगा हुआ है।

वहीं दूसरी ओर गिरिडीह लोकसभा से दूसरी बार एनडीए प्रत्याशी बने आजसू के चन्द्रप्रकाश चौधरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नैया पर सवार हैं। वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में चौधरी जी मोदी लहर में सांसद बन गए। लेकिन अपने कार्यकाल में गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में कुछ बेहतर नही कर पाए, जिस कारण उन्हें न सिर्फ क्षेत्र में विरोध का सामना करना पड़ा बल्कि चुनाव को लेकर बीते दिनों हुए संघ व भाजपा की बैठक में भी उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा था। शायद इसी फीडबैक के आधार पर बीते दिनों बिरनी में हुई प्रधानमंत्री की जनसभा में पीएम मोदी ने गिरिडीह वासियों से कहा था कि वे सीपी चौधरी को वोट दें क्योंकि ये वोट सीपी चौधरी को नहीं, बल्कि सीधा उन्हें जाएगा. प्रधानमंत्री के इस आह्वान के बाद लोगों का मूड तो बदला ही, साथ ही चौधरी जी भी गुड फील करने लगे है और वे पूरी तरह से आश्वस्त हो गए है कि मोदी जी की नैया पर सवार होकर उनका बेड़ा पार हो ही जायेगा।

इन सबके बीच अचानक से युवा नेता जयराम महतो को मिलने वाले जनसमर्थन पर दोनों प्रत्याशियों की नजर पड़ी तो उनके चेहरे पर शिकन आनी शुरू हो गई है। गिरिडीह के अलावे दो दिनों पूर्व बेरमो, बाघमारा, डुमरी में हुई जनसभाओं और रैलियों में जिस प्रकार से जयराम महतो के समर्थकों की भीड़ उमड़ रही है और ही महिलाओं व बुजुर्गाे के द्वारा प्यार लुटाया जा रहा है, इस बात ने सभी को अचंभित कर दिया है। बहरहाल जयराम अपने समर्थकों की इस भीड़ को किस हद तक वोट में तब्दील कर पाते हैं, यह तो 25 मई को होने वाले मतदान के दिन ही तय होगा, फिलहाल इतना स्पष्ट है कि जयराम ने मुख्य प्रतिद्वंदी माने जा रहे एनडीए व इंडी गठबंधन के प्रत्याशियों की नींद हराम कर दी है।

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