राजस्थान, मध्यप्रर्देश और गुजरात से जैन तीर्थयात्रियों का जत्था पहुंचा गिरिडीह, महेशलुंडी के मुखिया ने किया स्वागत
गिरिडीहः
राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रर्देश से श्वेताबंर जैन समाज का पदछलक यात्रा शनिवार को गिरिडीह पहुंचा। पदछलक में करीब सात सौ से अधिक जैन तीर्थयात्री और सौ से अधिक जैन मुनि और साध्वी शामिल है। गिरिडीह के तिसरी के थानसिंहडीह समेत अन्य इलाकों से पदयात्रा करते हुए जैन तीर्थयात्रियों का जत्था शनिवार की सुबह जिला मुख्यालय स्थित पपरवाटांड के महेशलुंडी पहुंचा। जहां मुखिया शिवनाथ साव ने तीर्थयात्रियों का स्वागत किया।
शनिवार को महेशलुंडी में विश्राम करने के बाद तीर्थयात्रियों का जत्था रविवार की अहले सुबह गिरिडीह-डुमरी रोड के बराकर नदी के समीप ऋजूबालिका तीर्थस्थल पहुंचेगा। और उसके बाद सम्मेदशिखर मधुबन पारसनाथ पहुंचेगा। जहां जत्थे में शामिल तीन मुनियों को दीक्षा ग्रहण कराया जाएगा। जत्थे के साथ चल रहे तिसरी के अमित गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान के जैन मुनि हेमप्रभु सूरीश्वर जी महाराज और साध्वी मुक्ति के नेत्तृव में पूरा जत्था तीन माह पहले बिहार के जमुई के लच्छावाडा से पदछलक शुरु किया था।
जमुई के लच्छावाडा में भगवान महावीर के दर्शन के बाद तीर्थयात्रियों के इस जत्थे ने पदछलक शुरु किया। और अब गिरिडीह पहुंचे है, और भगवान महावीर समेत 22 तीर्थंकरों के निर्वाण भूमि सम्मेद शिखर मधुबन में दर्शन करेगें। लिहाजा, हर रोज हेमप्रभु सूरीश्वर जी महाराज द्वारा जैन भक्तांे के बीच जैन समाज के महत्व से अवगत कराया जाता है।