गिरिडीह के कबीर ज्ञान मंदिर में हुआ गीता जंयती का समापन, मां ज्ञान के साथ श्रद्धालुओं ने किया हवन
गिरिडीहः
गिरिडीह के सिहोडीह-सिरसिया स्थित कबीर ज्ञान मंदिर में आयोजित दो दिवसीय गीता जंयती के दुसरे दिन रविवार को समापन हुआ। लेकिन दुसरे दिन गीता जंयती के मौके पर पूरा कबीर ज्ञान मंदिर आश्रम आध्यात्म और श्रीमद्भागवत गीता के आस्था से सराबोर रहा। एक तरफ सद्गुरु मां ज्ञान का भव्य प्रवचन हुआ। तो दुसरी तरफ हवन भी किया गया। हवन और प्रवचन को लेकर पूरा आश्रम भक्तों की भीड़ से भरा रहा। हवन में ही हजारों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। और भगवान कृष्ण के गीता सार के उपदेश के बीच परिवार के सुख-समृद्धि और निरोगीकाया का आशीर्वाद मांगते हुए हवन कुंड में आहुति प्रदान किया। ह
जारों की भीड़ ने इस दौरान गीता के सार को मां ज्ञान से सुना। मां ज्ञान ने भी मौजूद भक्तों के बीच गीता के महत्व से रुबरु कराते हुए कहा कि गीता को मानने से अशांत मन शांतचित रहता है। गीता एक-एक मानव को जीवन जीने की कला सिखाती है। लोभ और लालच के साथ ईर्ष्या से उबारती है। घर में मातृत्व शक्ति के रुप में बहन, बेटी, मां और भाभी के पवित्र रिश्ते से अवगत कराती है। मां ज्ञान ने कहा कि ईश्वर ने शरीर रुपी ढांचा दिया है। जिसका सदुपयोग हर इंसान के लिए जरुरी हो जाता है। लेकिन शरीर रुपी ढांचे का सही इस्तेमाल भी जरुरी है। इधर हवन और समापन के दौरान आश्रम के स्वयं सेवक सिद्धांत कंधवे, अरुण माथुर, अनिता सिन्हा समेत हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद थी।