जंगलों में लगने वाले आग के रोकथाम को लेकर हुआ कार्यक्रम का आयोजन
- सदर और गांडेय विधायक समेत वन विभाग के अधिकारी हुए शामिल
- ग्रामीणों के बीच किया गया जाल का वितरण
गिरिडीह। महुआ चुनने के कारण लग रहे आग से जंगलों को बचाने की दिशा में वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के गिरिडीह इकाई ने पहल शुरू की है। रविवार को वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के गिरिडीह इकाई ने सदर प्रखंड और पचम्बा के कल्याणडीह स्थित नगर वन में कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, गांडेय विधायक सरफराज अहमद, वन संरक्षक पदाधिकारी आरएन मिश्रा, वन प्रमंडल पदाधिकारी ईस्ट प्रवेश अग्रवाल के साथ वेस्ट के वन प्रमंडल पदाधिकारी अंकित सिंह, एसीएफ सोबेंदर कुमार, एसीएफ राजीव रंजन भी शामिल हुए। इस दौरान करीब 60 संयुक्त वन प्रबधन समिति के सदस्य को दोनों विधायक समेत वन विभाग के अधिकारीयो ने जंगल में आग से बचाव को लेकर बड़े आकार के नेट जाल का वितरण किया। वहीं स्कूली छात्रों द्वारा नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर जंगलों में लगी आग से होने वाले नुकसान के बारे जानकारी दी।

मौके पद सदर विधायक सोनू ने कहा की महुआ चुनने के कारण जंगलों में लगी आग का दुष्परिणाम से हर कोई अवगत है। आने वाली पीढ़ियां हमे माफ नही करने वाली। जंगल को आग से बचाव को लेकर सभी की जिम्मेवारी है। इसके लिए वन विभाग से प्रयास कर पिछले साल गिरिडीह के पारसनाथ वन संक्रांति समिति के 20 सदस्यों को कुछ फंड सिर्फ इसलिए दिलाए गए थे, जिसे वो सारे युवक जंगल में लगी आग पर काबू पा सके। कहा कि पिछले साल का यह प्रयास भी सफल हुआ था, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी की अब वन विभाग ने भी ग्राम स्तर पर वन समिति का गठन किया है। जिसका मकसद भीषन गर्मी में जंगलों में लगे आग को काबू में किया जा सके।

गांडेय विधायक सरफराज अहमद ने कहा कि जंगलों को बचाने के लिए जो प्रयास होते है। उसे अब ग्रामीण इलाकों में तेज करने की जरूरत है। क्योंकि कुछ पदार्थ चुनने के क्रम में ग्रामीणों द्वारा जानकारी के अभाव में आग लगा दिया जाता है। लेकिन उसे नुकसान कितना है इसकी जानकारी से ग्रामीण अभी तक अवगत नही है। कार्यक्रम को वन संरक्षक पदाधिकारी आरसी मिश्रा के साथ डीएफओ प्रवेश अग्रवाल ने भी संबोधित करते हुए कहा की महुआ चुनने के कारण जिस प्रकार से आग लगाया जाता है। उसे पूरा जंगल आग से धधक उठता है। लिहाजा, ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए ही ग्राम संयुक्त वन प्रबंधन समिति का गठन किया गया है। जिसे गर्मी में लगने वाले आग पर काबू पाया जा सके।