पैतृक संपत्ति के लिए चार दिनों से अमरण अनशन पर बैठे है वायुसेना के पदाधिकारी
डीसी के पहल पर वार्ता के लिए पहुंचे पदाधिकारी ने बगैर यूनिफार्म के अनशन करने की दी नसीहत
गिरिडीह। विगत चार दिनों से अपने पैतृक संपत्ति के हक और अधिकार के लिये वायु सेना के जूनियर वांरट पदाधिकारी वी. के सिंह व उनकी पत्नी समाहरणाल परिसर में धरना पर बैठे है। जबकि जिला प्रशासन उनकी सुध तक नहीं ले रहा है। जबकि वायु सेना के पदय पदाधिकारी के अनशन को उधर से गुजरने वाले हर एक व्यक्ति घंटे दो घंटे का समर्थन देने के लिए बैठ रहे है। सवाल उठना लाजिमी है कि देश की रक्षा करने वाले पदाधिकारी के प्रति स्थानीय प्रशासन के इस कदर बेरहम होने की क्या वजह है। बेरहमी की हद तो तब हो जाती है जब वरीय अधिकारियों के निर्देश पर प्रशासन का कोई पदाधिकारी झूठी दिलासा देने आते है और बिरनी थाना जा कर शिकायत दर्ज करने को कहते है।
प्रशासनिक रवैये पर उठ रहे है सवाल
यही नही इस दौरान वायु सेना के पदाधिकारी को प्रशासनिक पदाधिकारी यह कह कर हड़काते है कि अनशन करना है तो बगैर यूनिफार्म के अनशन पर बैठे। लेकिन वायु सेना के पदाधिकारी को प्रशासन यह भरोषा देने की हिम्मत नहीं कर रहा है कि उनके मामले का समाधान किया जा रहा है। वह अपनी पत्नी के साथ अनशन खत्म करें। लिहाजा, प्रशासन के बेरहमी और दर्दनाक रवैये पर सवाल तो उठना तय है। वैसे चार दिनों से पत्नी रीना सिंह के साथ अनशन पर बैठे वायु सेना के इस पदाधिकारी को अब तक किसी राजनीतिक दल का समर्थन भी नहीं मिला है जो छोटे-छोटे मुद्दे पर विरोध जुलूस और प्रदर्शन कर अपनी ओछी राजनीति चमकाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। बहरहाल, चार दिनों से अनशन पर अपना अधिकार पाने के लिए बैठे वायु सेना के पदाधिकारी के दर्द को दूर करने के बजाय स्थानीय प्रशासन को फिलहाल इतना वक्त नहीं मिल पा रहा है कि वह उन लोगों की समस्या को दूर कर सकें।