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पौधों में जीवन की खोज करने वाले वैज्ञानिक जेसी बोस का गिरिडीह में बंद पड़ा तिजोरी नहीं खुला, पुण्यतिथि मनाने जुटे छात्र संगठन के कार्यकर्ता

गिरिडीहः
कई दशक गुजर गए। लेकिन वृक्ष में जीवन की खोज करने वाले महान वैज्ञानिक आचार्य डा. जगदीश चन्द्र बोस का गिरिडीह में बंद तिजोरी का रहस्य अब तक देश के सामने नहीं आया। जबकि बुधवार को एक बार फिर देश के इसी महान वैज्ञानिक की पुण्यतिथि मनाने छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के गिरिडीह इकाई के कार्यकर्ता शहर के झंडा मैदान स्थित विज्ञान केन्द्र में जुटे थे। और काफी धूमधाम के साथ पुण्यतिथि भी मनाया। लेकिन बंद तिजोरी का रहस्य अब भी बना हुआ। लिहाजा, बुधवार को जब भाजपा नेता सह विद्यार्थी परिषद् के पूर्व प्रांतीय पदाधिकारी रंजीत राय के नेत्तृव में संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ जिला शिक्षा अधीक्षक विनय कुमार ने शहर के झंडा मैदान स्थित विज्ञान केन्द्र में उनके आदमकद प्रतिमा के साथ झंडा मैदान चाौक पर लगे प्रतिमा पर भी संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा माल्यार्पण कर श्रद्धाजंलि दिया गया। तो पूर्व प्रांतीय पदाधिकारी ने गिरिडीह के जनप्रतिनिधियों को जमकर कोसा। और कहा कि देश के इस महान विभूति के गुजरे कई दशक गुजर चुके है। लेकिन गिरिडीह में जो तिजोरी बंद पड़ी हुई है उसका तिलस्मय अब तक सार्वजनिक नहीं हो पाया। और ना ही किसी जनप्रतिनिधी ने इसे लेकर कोई दिलचस्पी ही दिखाया।

वैसे संगठन के कई कार्यकर्ताओं के साथ पुण्यतिथि मनाते हुए पूर्व प्रांतीय पदाधिकारी ने कहा कि अब वक्त आ चुका है कि युवा पीढ़ी को इस महान वैज्ञानिक के संजोयी विरासत की पूरी जानकारी बंद तिजोरी के माध्यम से मिले। इस दौरान पूर्व प्रांतीय पदाधिकारी रंजीत राय ने कहा कि देश के महान विभूतियों में थे महान वैज्ञानिक आचार्य जगदीश चन्द्र बोस। क्योंकि अपना पूरा जीवन अनसुंधान और खोज में बिताया। गिरिडीह में रहते हुए खोज किया कि वृक्षों में भी जीवन होता है और वो सांस लेते है। इनके खोज से जुड़े कई महत्पूर्ण दस्तावेज अलग-अलग लिपियों में गिरिडीह के विज्ञान भवन में एक तिजोरी में बंद पड़े है। पूर्व में भी इस बंद तिजोरी को देश के मिसाईल मैन और भूतपूर्व राष्ट्रपति के हाथों में खोलने की चर्चा हुई। लेकिन किसी की और से पहल नहीं किया गया।

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