विरोध के नौ दिनों बाद सिख सुरक्षा गार्ड को रिहा करने पर ममता सरकार राजी
कोलकाता। लगातार विरोध के नौ दिनों बाद बंगाल सरकार भाजपा के राज्य सचिवालय नवान्न अभियान के दौरान गिरफ्तार सिख सुरक्षा गार्ड बलविंदर सिंह को रिहा करने व उसके खिलाफ दर्ज सभी केस खारिज करने पर राजी हुई है। बलविंदर की पत्नी ने अपने बेटे के साथ सीएम दफ्तर के सामने शनिवार को धरना देने तक की घोषणा कर दी थी।
बताया जाता है कि सिंह साहिब और सिंह सभाओं ने ममता सरकार को बताया था कि बलविंदर सिंह कहीं भी दोषी नहीं, उसके हथियार का लाइसेंस भी ऑल इंडिया है और वह पूर्व सैनिक है। जिसने 20 वर्ष देश की सेवा की है। इन सिख प्रतिनिधियों ने अफसरों को सभी दस्तावेज भी दिखाए और गलतफहमी दूर की। इसके बाद ममता सरकार ने बलविंदर सिंह को रिहा करने का फैसला किया है। सरकार ने उनके खिलाफ दर्ज किए गए सभी केस वापस लिये जाने का भी भरोसा दिलाया है।
दरअसल, गिरफ्तार बलविंदर सिंह की पत्नी करमजीत कौर और उनके बेटे हर्षवीर सिंह ने कहा था कि अब न्याय के लिए शनिवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कार्यालय (राज्य सचिवालय) के सामने वे धरने पर बैठेंगे। इससे पहले बलविंदर की पत्नी व बेटे ने बंगाल के राज्यपाल से भी मिलकर न्याय के लिए गुहार लगाई थी। बलविंदर की पत्नी कौर ने एक वीडियो मैसेज में कहा है कि मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलना चाहती हूं। मैंने इसके लिए कई बार अपील की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। मैं और मेरा बेटा शनिवार सुबह 11 बजे से उनके ऑफिस के सामने धरने पर बैठेंगे। मैं सभी सिख संगत से अपील करती हूं कि अपनी बहन के साथ खड़े हों।