साइबर अपराधियांे को गिरिडीह पुलिस ने दबोचा
- फर्जी लिंक भेज कर कमाए बीस लाख से अधिक
- गए पोर्टब्लेयर और खरीदा तेरह लाख का डिजिटल गोल्ड
गिरिडीह। एसबीआई के योनो एप्प बंद होने का फर्जी लिंक बनाकर मोबाइल यूजर्स को लिंक भेज कर उनके बैंक खाते से पैसे टपाने वाले दो शातिर साइबर अपराधियांे को गिरिडीह साइबर पुलिस ने दबोचने में सफलता पाई है। बुधवार को प्रेसवार्ता कर डीएसपी संदीप सुमन और साइबर थाना प्रभारी आदिकांत महतो ने दोनों अपराधियों का जानकारी दिया। गिरफ्तार अपराधियों में गांडेय के पुनिडीह टोला के सचिन वर्मा और मिथलेश वर्मा शामिल है। लेकिन दोनों के गिरफ्तारी के बाद जो मामला सामने आया, वो खुद में हैरान करने वाला है। क्योंकि दोनो साइबर अपराधी सचिन और मिथलेश वर्मा यूजर्स को यही फर्जी लिंक भेज कर जहा उनके बैंक खाते से पैसे उड़ाते थे। और यूजर्स के खाते से उड़ाए गए लाखो रूपये से पांच अपराधी पोर्टब्लेयर तक सैर सपाटे के लिए गए थे। लेकिन गांडेय के पुनिडीह गांव से साइबर पुलिस सिर्फ दो अपराधियो सचिन और मिथलेश वर्मा को ही दबोच पाई। क्योंकि अखिलेश वर्मा, सुमन और कुंदन फरार होने में सफल रहे।
पुलिस ने गिरफ्तार अपराधियों से जब पूछताछ की और दोनांे की तलाशी ली, तो दोनांे के पास से चार मोबाइल और एक लैपटॉप बरामद किया गया। बरामद मोबाइल और लैपटॉप को खंगालने के दौरान कई और राज भी बाहर आए। क्योंकि फरार तीनो अपराधी ही इन दोनो गिरफ्तार अपराधियो को योनो बंद होने का फर्जी लिंक महज पांच हजार में बेचते थे। पुलिस ने सचिन और मिथिलेश के पास से अब तक तीन लाख के मोबाइल खरीदने का प्रमाण मिला है। दोनो अपराधियो ने अब तक इसी तरह के अनगिनत फर्जी लिंक मोबाइल यूजर्स को भेज कर 20 लाख से अधिक की राशि जुटाई और इन पैसे से पोर्टब्लेयर जाने के साथ डिजिटल गोल्ड में ही तेरह लाख का खरीदारी भी किया।




