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गिरिडीह पुलिस लाईन में गोली लगने से जख्मी हुए जवान मामले में आया नया मोड़, जवान ने कहा झूठी कहानी बनाई गई

गिरिडीहः
पांव में गोली लगने से जख्मी गिरिडीह पुलिस लाईन के जख्मी जवान अजय यादव के मामले घटना के दुसरे दिन बुधवार को नया मोड़ सामने आया। बुधवार को जवान अजय यादव ने मीडिया के सामने आ कर घटना की पूरी सच्चाई बताया। हालांकि दुसरे दिन बुधवार को उसे नर्सिंग होम से डिस्चार्ज तो कर दिया गया। लेकिन बीतें गुरुवार को घटना के बाद उसके वरीय अधिकारियों ने गोली चलने मामले में बचने के लिए जो कहानी बनाया। उस कहानी ने जवान को काफी दर्द दिया। लिहाजा, घायल जवान अजय ने मामले को लेकर सार्जेन्ट मेजर राजेश रंजन को आवेदन देकर जांच करने का मांग किया है। इधर नर्सिंग होम से डिस्चार्ज होने के क्रम में जवान अजय ने बताया कि बगोदर थाना प्रभारी गुरुवार को एक केस के दौरान अपराधियों से बरामद देसी कट्टा को पुलिस लाईन के मालखाना में जमा करने पहुंचे थे। घायल जवान ने बताया कि पुलिस लाईन में सार्जेन्ट मेजर राजेश रंजन के कार्यालय में बतौर टेलीफोन आॅपरेटर पद पर प्रतिनियुक्त है। और बीतें दिन भी वह कार्यालय के बाहर टेलीफोन आॅपरेटर की ही ड्यूटी पर था। इसी दौरान बगोदर थाना प्रभारी जब जब्त देसी कट्टा को जमा कर रहे थे। तो सार्जेन्ट मेजर के मुंशी मोहन सिंह ने देसी कट्टा को अपने हाथ में लिया। मुंशी के हाथ में लेते ही कट्टा से जो फायरिंग हुआ। वह जमीन से लगकर उसके बाएं पांव में घुसा। जबकि मुंशी और उसकी दूरी अधिक थी। इसके बाद उसके हाथ में मौजूद देसी कट्टा से चला गोली उसके पांव में लगी।

जवान अजय ने बताया कि वह टेलीफोन आॅपरेटर के रुप में भी प्रशिक्षु की ड्यूटी में ही सार्जेन्ट मेजर के कार्यालय में प्रतिनियुक्त है। इसके बाद भी वरीय अधिकारियों ने यह कहानी क्यों बनाया कि वही कट्टे को हाथ में लिए हुए ना तो उसे इसकी जानकारी है और ना ही मुंशी मोहन सिंह ने उस पर जानबूझ कर फायरिंग किया या गलती से चला। यह भी वो स्पस्ट नहीं बता सकता। दरअसल, जिले के देवरी का रहने वाला जवान अजय की नौकरी साल 2014 मंे पिता की मौत के बाद अनुकंपा के आधार पर पुलिस विभाग में लगा था।

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