सिस्टम की लापरवाही ने न्यू गिरिडीह स्टेशन के रैक प्वांईट में पड़े अनाज के स्टाॅक को अधिकारियों ने डलवा दिया गड्डे में
गिरिडीहः
गिरिडीह के गादी स्थित न्यू गिरिडीह रेलवे स्टेशन में पिछले 20 दिनों से पड़ा लाखों रुपए के चावल को आखिर गड्डा खोद कर डाल दिया गया। अधिकारियों की लापरवाही को लेकर जब खबरे छपी तो धनबाद रेलवे के एफसीआई के पदाधिकारी भी मंगलवार को गिरिडीह पहुंचे। इस दौरान अधिकारियों की टीम में धनबाद रेलवे के कार्मिशयल पदाधिकारी विजय गौंड समेत कई पदाधिकारी शामिल थे। जो न्यू गिरिडीह रेलवे स्टेशन के रैक प्वांईट में पड़े चावल के स्टाॅक की जांच करने पहुंचे थे। जांच के क्रम में ही अधिकारी पाते है कि सारे स्टाॅक का चावल पूरी तरह से सड़ चुका है। और इस्तेमाल के लायक नहीं। लिहाजा, जेसीबी मंगाकर रैक प्वांईट के समीप गड्डा कराया जाता है। और सड़े हुए सारे चावल को उसी गड्डे में डाल दिया जाता है। इस दौरान रेलवे और एफसीआई के पदाधिकारियों से जब पूछा जाता है तो सारे अधिकारी टोपी-ट्रांसर्फर करते हुए कहते है कि इसका जवाब एफसीआई देगा, वो बस जांच के लिए पहुंचे थे। कि चावल का इतना स्टाॅक कब से रखा था। दरअसल, रेलवे और एफसीआई के अधिकारियों की लापरवाही के कारण लाखों रुपए मूल्य का 1200 बोरा चावल का स्टाॅक न्यू गिरिडीह रेलवे स्टेशन के रैक प्वांईट में पिछले आठ माह से पड़ा था। हैरानी की बात रही कि इतने बड़े पैमाने पर स्टाॅक के पहुंचने के बाद भी किसी की नजर तक नहीं पड़ी। और जब नजर पड़ी तो इसी एफसीआई के सारे स्टाॅक को मालगाड़ी के वैगन से निकाल कर 15 दिन पहले रैक प्वांईट के समीप रख दिया जाता है। तब तक सारा स्टाॅक पूरी तरह से सड़ चुका था। जिसे मंगलवार को पहुंचे अधिकारियों ने गड्डे में फेंकवा दिया। जानकारी के अनुसार चावल का यह स्टाॅक आठ माह पहले मालगाड़ी से छत्तीसगढ़ से गिरिडीह के एफसीआई के लिए भेजा गया था। लेकिन एफसीआई की लापरवाही रही कि उसने इतने बड़े स्टाॅक को अपने गोदाम तक नहीं पहुंचाया। जिसे कि वक्त पर गरीबांे तक अनाज पहुंच सके। और ना ही रेलवे ने संवेदनशीलता दिखाया कि वो सारे स्टाॅक को ले जाने के लिए एफसीआई को कह सके। लिहाजा, सारा स्टाॅक पूरी तरह से बर्बाद हो चुका था।