विख्यात चिकित्सक डॉक्टर डी. मुखर्जी के निधन से चिकित्सक जगत में शोक
- मरीजो का इलाज सेवा भाव से करते थे 70 वर्षीय डॉ मुखर्जी
- गरीबों के लिए मसीहा थे डॉ मुखर्जी
कोडरमा। जिले के प्रख्यात चिकित्सक डॉ डी मुखर्जी का मंगलवार की सुबह 8 बजे ह्रदय गति रुकने के कारण निधन हो गया। उनके निधन की खबर से जिले में शोक की लहर व्याप्त है। निधन की खबर सुनते ही चिकित्सक जगत सहित उनके शुभचिंतकों में व्यवसायी वर्ग, शिक्षाविद, राजनेता सहित विभिन्न समुदाय, सामाजिक कार्यकर्ता व बुद्धिजीवी वर्ग उनके आवास पर पहुंचने लगे। 70 वर्षीय स्व. मुखर्जी अपने पीछे पत्नी व दो बेटी सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए है। बुधवार की सुबह सामान्तो काली मंदिर मंदिर स्थित मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
उनके निधन पर शोक प्रकट करने वालों में चिकित्सक जगत के डॉ रमन कुमार, डॉ आर कुमार, डॉ अभिजीत राय, डॉ नीरज साहा, डॉ सुजीत कुमार, डॉक्टर राम सागर सिंह, डॉ आरके दीपक, डॉ सागरमनी सेठ, डॉ परिमल तारा, व्यवसायी प्रदीप केडिया, पवन चौधरी, पप्पू सोनी, राजनेताओं में उमेश सिंह, वीरेंद्र मेहता, बंगाली एसोसिएशन के अध्यक्ष उत्पल सामान्तो, उत्तम दास पाल, उत्तम चटर्जी, आलोक सरकार, सुनील देवनाथ, विमल चटर्जी, संदीप मुखर्जी, सामाजिक कार्यकर्ता असीम सरकार, विनोद विश्वकर्मा रमेश प्रजापति अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार अभय, सेवा निवृत शिक्षक मुरली शर्मा, खेल प्रेमी संदीप सिन्हा सहित अन्य लोगों के नाम शामिल है।
मृदुभाषी व हर दिल अजीज डॉ मुखर्जी का निधन लोगों को सहज विश्वास नहीं हो रहा था। हर चाहने वालों का मानना था कि वे गरीबों के लिए मसीहा थे। उनके निधन से चिकित्सक जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। बताते चलें डॉ मुखर्जी 80-90 के दशक में कर्मा अस्पताल में बतौर मेडिकल अधिकारी के रूप में अपनी सेवा दे चुके हैं। जहां से उन्हें चक्रधरपुर भेज दिया गया था। और फिर वे वापस वर्ष 2011 में कर्मा में योगदान दिए जहां से 2015 में सेवानिवृत्ति हुए। तब से डॉ मुखर्जी सामान्तो काली मंदिर स्थित दादी जी अपार्टमेंट में अपने फ्लैट में पत्नी संग रह रहे थे।