चौत्र नवरात्र के मौके पर गायत्री शक्तिपीठ सहित सभी गायत्री चेतना केंद्रों में स्थापित हुआ कलश
- वेद मंत्र गायत्री एवं अन्य वैदिक मंत्रों की प्रदान की गई आहुतियां
- प्राचीन काल से ही इन नौ दिनों में की जाती है देवी के नौ रूपों की उपासना: प्रकाश
गिरिडीह। अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा शनिवार को स्थानीय गायत्री शक्तिपीठ सहित जिले के सभी प्रखंडों के गायत्री चेतना केंद्रों एवं प्रज्ञापीठों में चौत्र नवरात्र के शुभ अवसर पर कलश स्थापित किया गया। कलश स्थापन के बाद उपस्थित लोगों के द्वारा गायत्री महायज्ञ में सब के उज्जवल भविष्य एवं सब के कल्याण के लिए वेद मंत्र गायत्री एवं अन्य वैदिक मंत्रों आहुतियां प्रदान की गई। अनुष्ठान की पूर्णाहुति 10 अप्रैल को पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ के द्वारा की जाएगी।
कलश स्थापन के पूर्व गायत्री शक्तिपीठ के प्रकाश मंडल ने नवरात्र के अनुशासन से सबको अवगत कराया। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से देवी के नौ रूपों की उपासना इन 9 दिनों में की जाती है। मां दुर्गा के द्वारा असुरों का वध करने की घटना सबको विदित है, यह समय आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने का है। अतः हर व्यक्ति को अपने-अपने घरों में कुछ न कुछ उपासना एवं साधना अवश्य करनी चाहिए। कम से कम इन 9 दिनों में अपने अपने घरों में संध्या के समय आरती वंदन का क्रम अवश्य ही अपनाना चाहिए।
अखिल विश्व गायत्री परिवार से जुड़े हुए लोग इन 9 दिनों में 24000 गायत्री महामंत्र जप का लघु अनुष्ठान संपन्न करते हैं। साथ ही इस दौरान अन्नमय कोष की साधना भी करते है। कार्यक्रम को सफल बनाने में जिले के सभी प्रज्ञा मंडल, महिला मंडल एवं युवा मंडल का योगदान रहा।