दिल्ली में टुटेगी रेलवे पटरी के किनारे बनी झुग्गियां
दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पड़ने वाली रेलवे लाईन के किनारे झुग्गियों में गुजर बसर करने वाले निचले तबके के लोगों पर एक बड़ी मुसीबत आने वाली है। इन झुग्गियों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया है। न्यायालय ने झुग्गियों को हटाने के लिए तीन माह का समय दिया है। आदेश के बाद जहां झुग्गियों में रहने वाले लोगों में दहशत है, तो वहीं केन्द्र और दिल्ली सरकार में खींचतान जारी है।
शहरी विकास मंत्रालय, रेलवे व दिल्ली सरकार कर रही है हल का प्रयास
हालांकि न्यायालय के आदेश के बाद केन्द्र सरकार के साॅलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया है कि शहरी विकास मंत्रालय, रेल मंत्रालय व दिल्ली सरकार चार सप्ताह के अंदर मामले का हल निकालने का प्रयास करेंगे। गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के करीब 140 किमी रेल पटरियों के किनारे करीब 48 हजार झुग्गियां हैं।
पटरी पर लेट जाएंगे पर नहीं टुटने देंगे अपना आशियाना
इधर इस मामले में झुग्गियों में निवास करने वाले लोगों का कहना वे लोग पिछले 25 से 30 वर्षों से इन्हीं झुग्गियों में रह रहे हैं। अब उनका आशियाना छिन जाएगा तो वे लोग कहां जाएंगे। कहा कि सरकार अगर इसके बदले कहीं और जमीन दे दे तो उन्हें कोई गुरेज नहीं है। निवासियों ने कहा कि चुनाव पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनलोगों से झुग्गी के स्थान पर मकान देने की बात कही थी लेकिन अब सरकार उनके आशियाने को तोड़ना चाह रही है। लोगों ने कहा कि जब उनके झोपड़ों को तोड़ने बुल्डोजर आएगी तो वे लोग पटरियों पर लेट जाएंगे। सरकार चाहे तो उनके उपर बुल्डोजर चला दे।