चिटफंड व गबन मामले में 8 आरोपियों को आजीवन कारावास
मेदिनीपुर। निवेशकों के पैसे का गबन करने के मामले में पिनकॉन कंपनी के निदेशकों समेत इससे जुड़े आठ लोगों को पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले की एक फौजदारी अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। इस मामले में तमलूक के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मोऊ चटर्जी की अदालत ने आठ लोगों को दोषी पाया और उन्हें कठोर पश्चिम बंगाल वित्तीय संस्थानों में निवेशकों के हितों की रक्षा अधिनियम, 2013 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनायी। पश्चिम बंगाल के आर्थिक अपराध निदेशालय में विशेष लोक अभियोजक सोमेन दत्ता ने कहा कि इस अधिनियम के तहत संभवत: यह पहली सजा है।
मामले में अदालत ने 10 अभियुक्तों को बरी कर दिया, जबकि दो की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। मालूम हो कि फरवरी 2017 में निवेशकों ने एक फौजदारी मामला दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि पिनकॉन कंपनी की खेजुरी शाखा में उन्होंने जो पैसा जमा कराया था, वह अमानत की अवधि पूरी होने के बाद भी उन्हें वापस नहीं मिला। कंपनी और उसके प्रवर्तकों पर कई राज्यों के निवेशकों के 800 करोड़ रुपये के गबन करने का आरोप है। इस कंपनी के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार के आर्थिक अपराध निदेशालय ने जांच की थी। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में सारधा और रोज वैली जैसे हाइ प्रोफाइल पोंजी स्कीम की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) और इनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (प्रवर्तन निदेशालय) जैसी केंद्रीय एजेंसी कर रही है।