सरकार के सहयोग से दिल्ली से रेसक्यू कर लायेग गये 44 बच्चे
- 44 बच्चों में 43 लड़कियां, सभी अलग अलग घरों में करती थी काम
- रांची पहुंचने के बाद बच्चों से मिलने आये मुख्यमंत्री
- कहा पढ़ाई की व्यवस्था करने के साथ ही काम देगी सरकार
रांची। मानव तस्करी के मामले में बार झारखंड सरकार को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। सरकार के सहयोग से कुछ स्वयं सेवी संस्थाओं ने मिलकर दिल्ली और एनीआर से 44 बच्चों को रेसक्यू करते हुए छुड़ाया है। जिसमें 43 लड़कियां और एक लड़का शामिल है। रेसक्यू कर छुड़ाये गये सभी बच्चे अलग-अलग घरों में काम किया करते थे। जहां मालिक द्वारा उनके साथ मार पीट भी किया जाता था। झारखंड वापस आने के बाद राज्य सरकार सभी बच्चों को न सिर्फ ध्यान रखेगी बल्कि उनकी काउंसिलिंग भी करायेगी।
सभी बच्चों की होगी काउंसिलिंग: मुख्यमंत्री
दिल्ली से रेस्क्यू कर सभी बच्चों को रांची ले आया गया है। जहां उन्हें बाल कल्याण समिति के निगरानी में रखा गया है। बच्चों के आने की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बच्चों से मिलने के लिए पहुंचे। बच्चों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी बच्चों की काउंसिलिंग करने के बाद अगर वे पढ़ना चाहेंगे तो उन्हें बेहतर शिक्षा दी जायेगी। और अगर बच्चे काम करना चाहेंगे तो सरकार नौकरी दिलवाने का भी काम करेगी। जो बच्चे अभी वयस्क नहीं है सरकार उनको वयस्क होना तक दो-दो हजार रुपये की मदद भी देगी।
दलाल के माध्यम से बच्चे गये थे दिल्ली
इस दौरान मुख्यमंत्री से बात करते हुए बच्चों ने बताया कि दलालों के माध्यम से वे दिल्ली गए थे। इनमें से कुछ लड़कियां ऐसी भी थी जिन्हें 6 साल से भी ज्यादा का समय बीत गया था। फिलहाल रेस्क्यू किए गए सभी बच्चों को परिवार से मिलने के लिए गांव भेजा जाएगा। दीपावली के बाद इन बच्चों को सरकार अपने निगरानी में रखेगी।