24 कुंडीय महायज्ञ की शुरुआत गिरिडीह में हुआ गायत्री परिवार के भव्य कलश यात्रा निकाल कर, किया गया पुष्पवर्षा
शहर में निकले कलश यात्रा से माहौल हुआ भक्तिमय
गिरिडीहः
गिरिडीह गायत्री शक्तिपीठ के तत्वाधान में आयोजित 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ की शुरुआत सोमवार को शहर में भव्य कलश यात्रा निकाल कर किया गया। गायत्री शक्तिपीठ की और से निकले कलश यात्रा में 501 महिलाएं सिर पर कलश लिए हुए थी। तो वहीं दुसरी तरफ कलश यात्रा गायत्री शक्तिपीठ से निकल कर शहर भ्रमण भी किया। कलश यात्रा का नेत्तृव हरिद्वार के शांतिकुंज गायत्रीपीठ से आएं संत कर रहे थे। तो कलश यात्रा में शहर समेत आसपास के ग्रामीण इलाकों जमुआ, गांवा, तिसरी और बेंगाबाद के श्रद्धालु भी शामिल हुए। चार दिवसीय 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ को लेकर शहर में निकले भव्य कलश यात्रा के दौरान संतो के संदेश को महिलाएं भी पूरे उत्साह के साथ जयकारा लगाते हुए चल रही थी। इस दौरान शहर के जिन-जिन इलाकांे से कलश यात्रा गुजरा, उन इलाकों में भी कलश यात्रा पर पुष्पवर्षा किया गया। जबकि मतकपुर में ही कलश यात्रा पर पुष्पवर्षा के साथ शामिल श्रद्धालुओं के बीच पेयजल का वितरण किया गया। समाज सुधार के गीतों के साथ निकले कलश यात्रा में एक-एक श्रद्धालु हम बदलेगें, युग बदलेगा, समाज की शक्ति नारी है, परिवार की शक्ति नारी है और बंद करो अत्याचार, समाज में दहेज प्रथा बंद हो समेत कई जयकारे श्रद्धालुओं द्वारा लगाएं जा रहे थे।

चार दिवसीय 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ को लेकर गायत्री शक्तिपीठ का माहौल तो भक्तिमय दिखा ही। लेकिन शहर में निकले भव्य कलश यात्रा से भी शहर का माहौल भक्तिमय नजर आया। इधर गायत्री शक्तिपीठ की और से निकले कलश यात्रा और 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ को लेकर गिरिडीह गायत्री परिवार के प्रमुख कामेशवर सिंह और पूनम बरनवाल ने कहा कि व्यक्तिव निर्माण, चरित्र निर्माण के साथ समाज निर्माण और हर व्यक्ति के जीवन जीने की कला में परिवर्तन लाने के उद्देश्य से गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया। शहर भ्रमण के बाद कलश यात्रा वापस तिरंगा चाौक स्थित गायत्री शक्तिपीठ पहुंच कर समाप्त हुआ। जहां पुजारियों के मंत्रोच्चार और विधी-विधान के साथ कलश पूजन किया गया। मौके पर दर्शन पंडित, सतीश कुमार, भागीरथ प्रसाद सिंह, सुरेन्द्र बरनवाल, पार्वती बरनवाल, चंचल भदानी, पूनम गुप्ता, बबीता श्रीवास्तव, रोशनी देवी, अर्चना देवी, प्रकाश मंडल, राजेन्द्र राम समेत गायत्री परिवार के कई सदस्य शामिल हुए।