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चावल लदे गाड़ी छोड़ने की इतनी जल्दी क्या थी साहब……

  • अधिकारियों की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
  • गाड़ी छोड़ने के बाद उस पर दर्ज की गई प्राथमिकी


कंचन सिन्हा
गिरिडीह। ग्रामीणों द्वारा पकड़े गए चावल लदे वाहन को उसी दिन देर रात में थाना से छोड़ दिये जाने का मामले को लेकर आजसू नेताओं के अनशन समाप्त होने से कुछ हद तक ठंढा तो जरूर हो गया है। लेकिन अब इस घटनाक्रम से कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इस पूरे प्रकरण में अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा होतें हैं। प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने जिस हड़बड़ाहट में ग्रामीणों द्वारा पकड़े गए चावल लदे वाहन को पकड़े जाने के दिन ही देर रात को क्लीन चिट देकर उसे थाना से छूड़वाया वह लोगों के मन मे शंका जाहिर करता है। ग्रामीणों द्वारा बड़ी मशक्कत से पीछा कर पकड़े गए वाहन को छोड़ने में पुलिस ने सुबह तक का इंतजार नही किया। जबकि पूछताछ के लिए भी अगर किसी व्यक्ति को थाना लाया जाता है तो उसे रात में पुलिस नही छोड़कर सुबह तक का इंतजार करने को कहती है। हालांकि पुलिस के पास तर्क है कि एमओ द्वारा लिखित आवेदन मिलने के बाद वाहन को छोड़ा गया था।

एमओ ने हजारीबाग के राइस मिल से चावल लाने का दिया था तर्क

गाड़ी छोड़ने के समय एमओ का तर्क था कि पिकअप में लदा चावल हजारीबाग के राइस मिल से लाया जा रहा है, जिससे सम्बंधित कागजात व्यवसायी ने प्रस्तुत किया है। अब इस घटना के दो दिन बाद खुद एमओ अपने द्वारा ही दर्ज प्राथमिकी में कहते हैं कि वाहन में लदे चावल से सम्बंधित कागजात फर्जी हैं। फर्जी कागजात के आधार पर धोखा में रखकर वाहन को थाना से छुड़वाया गया। डीएसओ एवं बीडीओ द्वारा कागजात की जांच करने का निर्देश मिलने के बाद वह हजारीबाग गए तो उन्हें यह मालूम हुआ। एमओ ने चावल के प्रस्तुत कागजात का सत्यापन करने के बाद कोई निर्णय लिया होता तो ऐसी नोबत नही आती।

फाइल फोटो : ग्रामीणों द्वारा पकड़ा गया चावल लदा वाहन
अनशन पर बैठने के बाद एमओ जांच में जूटे

अब क्षेत्र में चर्चा है कि हजारीबाग जमुआ से बहुत दूर नही है। जो जांच एमओ ने आजसू नेताओं के अनशन पर बैठने के बाद किया। वह इसको वाहन पकड़े जाने के बाद दूसरे दिन ही कर सकते थे। ऐसा करते तो उन्हें उसी समय चावल के कालाबाजारी के लिए जाने की जानकारी हो जाती और आगे की विधि सम्मत कार्रवाई सही तरीके से हो पाती। अब चावल लदे वाहन वाहन को छोड़ने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है। जाहिर है फिर से उक्त गाड़ी को पुलिस को जब्त करना पड़ेगा। सवाल यह भी उठ रहा है कि उस वक्त जो चावल प्लास्टिक के पैकेट में लदा था वही चावल अब जब्त हो सकेगा या नही।

दोषी पदाधिकारियों पर हो कार्रवाई, वरना करेंगे आत्मदाह: गौतम

इस पुरे प्रकरण और चावल लदे वाहन को आधी रात में थाना से छोडे़ जाने के सवाल पर अनशन पर बैठे आजसू प्रखंड अध्यक्ष गौतम सागर राणा ने कहा कि इस पूरे मामले में कई पदाधिकारियों की कार्यशैली संदेहास्पद है। ऐसे में पदाधिकारियों पर कार्रवाई का आश्वासन बीडीओ ने दिया है। दोषी पदाधिकारियों पर 15 दिन के भीतर कार्रवाई नही होने पर वह आत्मदाह करेंगे।

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