जल है तो कल है इसलिए जल संचयन की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता: बीडीओ
पीएचईडी ने किया जल शक्ति संरक्षण पर कार्यशाला का आयोजन
गिरिडीह। क्षेत्र की पुरी आबादी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री जल नल योजना को धरातल पर उतारने के लिए समवेत प्रयास की जरूरत है। उक्त बातें जल शक्ति संरक्षण विषय पर पेयजल स्वच्छता विभाग द्वारा प्रखण्ड मुख्यालय में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में जमुआ के बीडीओ बिनोद कर्मकार ने रविवार को कहा। उन्होंने कहा कि नल से शुद्ध जल पहुंचाने के लिए दो तरह की योजनाएं है एक मल्टी विलेज योजना जिससे एक साथ कई गांव में जलापूर्ति करना है। दूसरी योजना माइक्रो जलापूर्ति की है जिसमें एक-एक मुहल्ले में जल पहुंचना है। कहा कि मल्टी विलेज जलापूर्ति योजना फिलवक्त जमुआ के खरगडीहा और कुरहोबिन्दो में चल रही है। कहा कि 15वीं वित्त की आधी राशि जलापूर्ति में खर्च की जानी है। जमुआ के विभिन्न पंचायतों में करीब 250 जलमीनार बनाये गए हैं। वहीं पेयजल स्वच्छता विभाग द्वारा 150 जलमीनार बनाये गए हैं।
विभाग के जेई बबलू हांसदा को ग्रामीणों ने लिया आड़े हांथों
कार्यशाला में लोगों ने पेयजल स्वच्छता विभाग के जेई बबलू हांसदा को आड़े हांथों लिया एवं कार्यशैली में सुधार के लिए कहा। सीडीपीओ एकता वर्मा ने कहा कि जल के बगैर जीवन की कल्पना नही की जा सकती है। इसलिए समय रहते जल संचयन पर विशेष कार्य करने की आवश्यकता है। एसबीएम प्रखण्ड समन्वयक अमित प्रसाद वर्मा ने मंच संचालन किया। पेयजल एवं स्वच्छता अवर प्रमंडल के कनीय अभियंता पंकज कुमार, जेई बबलू हांसदा, सुधीर द्विवेदी, योगेश कुमार पाण्डेय, इकबाल आलम, पवन राम, रविन्द्र सिंह, इनामुल हक, मुखिया चीना खान, ओमप्रकाश महतो, पंचायत समिति सदस्य रणबहादुर पासवान, सुधीर सिन्हा, पीएलवी सुबोध साव, मुकेश वर्मा, सहदेव साव, स्वच्छता ग्राही प्रवीण कुमार ने भी विचार व्यक्त किये।
इस दौरान ओडीएफ प्लस का 80 मिनट का मोबाईल से प्रशिक्षण प्राप्त करनेवाली जलसहिया को प्रमाण पत्र दिया गया।
मौके पर जलसहिया गुड़िया देवी, प्रीति सिंह, डेजी दास, शाहनवाज खातून सहित अन्य जलसहिया, मुखिया व समाजसेवी मौजूद थे।