बंगाल के ‘कन्याश्री प्रकल्प कार्यक्रम’ की संयुक्त राष्ट्र ने की तारीफ
कोलकाता। बेटियों को सशक्त बनाने वाली योजना ‘कन्याश्री प्रकल्प कार्यक्रम’ की संयुक्त राष्ट्र ने तारीफ की है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार की इस योजना की वजह से बाल विवाह रोकने और बेटियों की शिक्षा को जारी रखने में मदद मिली है। सशर्त नकदी हस्तांतरण को इस योजना के तहत प्रोत्साहित किया जाता है। बाल विवाह और जबरन विवाह पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘यूएनएफपीए-यूनीसेफ ग्लोबल प्रोग्राम टू एक्सेलरेट एक्शन टू एंड चाइल्ड मैरेज’ ने भारत में पश्चिम बंगाल के कन्याश्री प्रकल्प कार्यक्रम को समर्थन दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान ने विवाहित लड़कियों को सशक्त बनाने में योगदान दिया है और उन्हें स्वास्थ्य, शैक्षणिक, आर्थिक और कानूनी सहायता तक पहुंच का मौका मिला है। यूनीसेफ के अनुसार, पिछले एक दशक में दुनिया भर में लड़कियों की शिक्षा की दर बढ़ने और बाल विवाह के नुकसान और इसकी अवैधता के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा किये जाने के कारण 2 करोड़ 50 लाख बाल विवाह रोके गये।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव की एक रिपोर्ट में बाल विवाह व जबरन विवाह पर भारत में लिंग और बच्चों के प्रति संवेदनशील स्वास्थ्य सेवाओं को प्रोत्साहित करने संबंधी राष्ट्रीय नीतियों और क्षमता निर्माण की पहलों का संज्ञान लिया गया है। जून 2018 से मई 2020 की अवधि के लिए ‘बाल, समय पूर्व और जबरन विवाह का मुद्दा’ पर महासचिव एंतोनियो गुतारेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि कई देशों ने विवाह की न्यूनतम आयु बढ़ाने के लिए विधायी और नीतिगत उपाय लागू किये हैं और बाल, सही उम्र से पहले और जबरन विवाह को रोकने के लिए समग्र रणनीतियां अपनायी हैं। रिपोर्ट में बाल विवाह, सही उम्र से पहले विवाह और जबरन विवाह को रोकने के लिए विश्व भर में की गयी प्रगति की समीक्षा की गयी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इथियोपिया, घाना, भारत, मोजाम्बिक, नाइजर और युगांडा ने बाल विवाह, सही उम्र से पहले विवाह और जबरन विवाह झेलने वाली लड़कियों समेत लिंग और बच्चों के प्रति संवेदनशील स्वास्थ्य, सुरक्षा सेवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय नीतियां विकसित की हैं। इन देशों ने जरूरी दिशा-निर्देश जारी किये हैं और क्षमता निर्माण की पहलें शुरू की। रिपोर्ट में विवाहित लड़कियों व महिलाओं संबंधी नीतियों की भी बात की गयी है।