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यूनिसेफ और ज्ञान-विज्ञान समिति ने किया गिरिडीह में फिर स्कूल चलें अभियान पर कार्यशाला का आयोजन

कोरोनाकाल के कारण शिक्षा में आया गिरावट, हालात सुधारने के लिए करना होगा सामुदायिक प्रयासः डीडीसी

गिरिडीहः
कोरोना के कारण पिछले दो सालों से स्कूल से वंचित ग्रामीण इलाकों के बच्चों को एक बार फिर स्कूल से जोड़ने का अभियान शुरु किया गया। तो मंगलवार को ही भारत ज्ञान-विज्ञान समिति गिरिडीह और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में शहर के होटल गैली इंटरनेशनल में फिर स्कूल चलें अभियान विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान कार्यशाला का उद्घाटन डीडीसी शशिभूषण मेहरा ने किया। तो कार्यशाला में ज्ञान-विज्ञान समिति के महासचिव काशीनाथ सिंह और शिक्षा प्रसार पदाधिकारी विद्यासागर मेहता और समाजिक कार्यकर्ता रामदेव विश्वबंधु समेत कई शामिल हुए। मौके पर कार्यशाला को संबोधित करते हुए डीडीसी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे कार्यक्रम ही बच्चों के मानसिक विकास को तेज करता है। क्योंकि महामारी के कारण कक्षा एक से पांच तक के बच्चे अब भी स्कूल के माहौल से दूर है। पिछले दो सालों से इसी महामारी ने बच्चों को उनके शिक्षा के अधिकार को छीन रखा है। अब उम्मीद जग रही है कि जल्द स्कूल खुलेगें। ऐसे में इस प्रकार के आयोजन से पहले हर अभिभावकों को जोड़ा जाना जरुरी है। तभी अभिभावक इस कोरोना काल में स्कूल के नए माहौल को समझ सकते है। डीडीसी ने शिक्षा के क्षेत्र में नए क्रांति लाने का सुझाव दिया।


इस दौरान कार्यशाला में समिति के महासचिव ने कहा कि बच्चों को जिस प्रकार की शिक्षा मिलनी चाहिए। उसमें काफी गिरावट आई है। इसी गिरावट को दूर करने के लिए समुदाय, प्रशासन, जनप्रतिनिधी को आपसी तालमेल के साथ कार्य करने की जरुरत है। महासचिव ने कहा कि सरकार हर स्कूलों में उत्कृष्ट शिक्षा मिले। तो यूनिसेफ और समिति ने अब तय किया कि सदर प्रखंड के आठ पंचायत और जमुआ के सभी प्रखंडो में 134 स्कूलों में सोशल मोबिलाईजर स्कूल स्तर पर शिक्षा केन्द्र का संचालन करेगा। इधर कार्यशाला में बतौर प्रशिक्षक मुरलीधर प्रसाद, ज्ञानेशवर प्रसाद, बैजनाथ वर्मा, चंद्रगुप्त, शिवशंकर प्रसाद, आलम असंारी, दिवस कुमार, किशोर मुर्मु, मालती सोरेन, रामप्रसाद राणा, असीम सरकार समेत कई मौजूद थे।

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