मनरेगा योजना के राशि गबन मामलें सदर प्रखंड के दो पदाधिकारियों और कर्मियों ने नहीं दिया अब तक गिरिडीह डीडीसी को जवाब, मामले में डीसी का पारा गर्म
गिरिडीहः
मनरेगा योजना में सात करोड़ 88 लाख के गबन में शामिल दोषी पदाधिकारी और बीपिओ को डीसी के निर्देश पर गिरिडीह डीडीसी ने शोकॉज तो कर दिया है। लेकिन चार दिन बीत चुके है। और शोकॉज का जवाब अब तक सिर्फ एक बीपीओ ही दे पाएं है। ना कि सदर प्रखंड के बीडिओ दिलीप महतो और दुसरे बीपीओ ही दिए है। लिहाजा, बीडिओ दिलीप महतो और दुसरे बीपीओ के शोकॉज के जवाब के इतंजार में डीसी नमन प्रियेश लकड़ा और डीडीसी शशिभूषण मेहरा है। वैसे सात करोड़ 88 लाख गबन मामले में डीसी नमन प्रियेश लकड़ा का दोषी पदाधिकारियों और कर्मियों पर पारा गर्म है। लिहाजा, सूत्र इशारा कर रहे है कि मनरेगा योजना मामले में इस बड़े गड़बड़ी को लेकर डीसी अधिक दिन शांत नहीं रहने वाले, और दोषी पदाधिकारी और कर्मियों के खिलाफ किसी बड़े कार्रवाई का निर्देश जल्द दे सकते है। इधर डीडीसी शशिभूषण मेहरा की मानें तो एक बीपीओ ने शोकॉज का जवाब भी दिया। और खुद का बचाव करते हुए बीपीओ ने पूरा दोष सदर प्रखंड के कई पचांयतो पर लगा बैठे, जहां मनरेगा के रॉ मैटेरियल की खरीदारी के नाम पर अधिक पैसे निकासी की बात सामने आई। जानकारी के अनुसार सदर प्रखंड को डीडीसी के हस्ताक्षर से 95 लाख रुपया रॉ मैटेरियल की खरीदारी के नाम पर आंवटित किया गया था। इसमें सभी पंचायत शामिल थे, लेकिन बीडिओ और बीपीओ पर सीधे तौर पर सात करोड़ 88 लाख के निकासी का आरोप लगा। और जिन-जिन पंचायतों में रॉ मैटेरियल के खरीदारी के लिए निकासी किया गया। उनमें सिंदवरिया, बदगुंदा समेत अन्य पंचायत शामिल है। वैसे तो मामले की जांच शुरु नहीं हो पाया है। फिलहाल दोषी पदाधिकारियों और शोकॉज कर ही मामले को लीपापोती करने का प्रयास किया जा रहा है।