उत्तराखंड के टनल में फँसे 40 मजदूरों में 2 बिरनी के मजदूर शामिल
- परिजनों ने राज्य सरकार व केंद्र सरकार से सुरक्षित बाहर निकालने की लगाई गुहार
गिरिडीह। उत्तराखंड के उत्तरकाशी यमुनोत्री सुरंग में फंसे 40 मजदूरों में दो युवक गिरिडीह जिले के बिरनी के रहने वाले हैं। दोनों युवक 3 अगस्त को उत्तराखंड गए थे। दोनों युवकों की पहचान बिरनी थाना क्षेत्र के केशोडीह निवासी लोधो महतो के पुत्र 38 वर्षीय विश्वजीत वर्मा एवं सिमराढाब निवासी बुधन महतो के पुत्र 24 वर्षीय सुबोध कुमार रूप में हुई है। घटना की जानकारी मिलने के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
जानकारी के अनुसार विश्वजीत के एक पुत्र व दो पुत्री है। पुत्र 18 वर्षीय ऋषि कुमार है जो धनबाद में रहकर आईटीआई कर इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं दो पुत्री 14 वर्षीय सृष्टि कुमारी 9 वीं तथा 9 वर्षीय श्रुति कुमारी चौथी कक्षा की छात्रा है। पत्नी चमेली देवी अपने पुत्री व परिजनों के साथ घर में रहती है। विश्वजीत 2 वर्षों से उत्तराखंड के टनल में कार्यरत हैं।
वहीं सुबोध दो भाई-बहनों में बड़ा है तथा कुंवारा है। सुबोध के पिता दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। सुबोध की माँ घटना की खबर सुनकर बीमार हो गई है। दोनों की आर्थिक स्थिति भी ठीक नही है। सुबोध का कच्चा मकान है जिसमें सपरिवार रहते हैं। विश्वजीत सुबोध के सगे मौसा हैं और विश्वजीत के साथ ही सुबोध उत्तराखंड गए थे।
बताया जाता है कि दोनों के परिजनों से अंतिम बात शनिवार शाम लगभग 6 बजे हुई थी । दोनों के परिजनों ने झारखण्ड व उत्तराखंड सरकार समेत केंद्र सरकार से सुरक्षित बाहर निकालने की गुहार लगाई है। वहीं 20 सूत्री अध्यक्ष एतवारी महतो ने शोक जताते हुए बिरनी के दो मजदूरों समेत सभी 40 मजदूरों को सकुशल बाहर निकालने की गुहार लगाई है।