मानसरोवर तालाब में इस साल भी भव्य नाव से किया जाएगा मां दुर्गे की प्रतिमा का विसर्जन
90 ड्राम से किया जा रहा भव्य नाव का निर्माण
प्रतिमा विसर्जन के अलौकिक दृश्य को देखने के लिए रहते है मौजूद
गिरिडीह। अपनी पंरपरा के लिए राज्य में प्रख्यात गिरिडीह शहरी क्षेत्र के बरवाडीह स्थित मानसरोवर तालाब में मूर्ति विसर्जन के लिए एक बार फिर भव्य नाव का निर्माण शुरु कर दिया गया है। सोमवार को होने वाले विजयादशमी को लेकर मानसरोवर तालाब विसर्जन समिति के अध्यक्ष बाबुल गुप्ता के देख रेख में नाव का निर्माण कराया जा रहा है। हालांकि कोरोना काल को लेकर इस साल नाव में विसर्जन करने वाले सदस्यों की संख्या कम रखने का निर्देश है। लिहाजा, इस साल 90 ड्रामों के साथ नाव का निर्माण किया जा रहा है। जिससे तालाब में नाव का संतुलन बिगड़े नहीं। जबकि हर साल महज 60 ड्राम के साथ नाव का निर्माण किया जाता था। लेकिन इस साल नाव के आकार को बड़ा किया गया है। बहरहाल, अपनी पंरपरा के लिए प्रख्यात मानसरोवर तालाब में इस साल भी शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा।
प्रतिमा विसर्जन का नजारा होगा खास: बाबुल
विसर्जन का विहंगम दृश्य को देखने के लिए ही हर साल हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ रहती है। ऐसे में तालाब के चारों तरफ लाईटों को लगाने का कार्य भी जारी है। यही नही नगर निगम से स्वीकृति मिलने के बाद इस मानसरोवर तालाब के सौदर्यींकरण का कार्य शुरु भी कर दिया गया। फिलहाल तालाब के चारों तरफ सीढ़ियों का निर्माण किया जा चुका है। जिसे विसर्जन के दृश्य को देखने के लिए भक्तों को कोई परेशानी नहीं हो। इधर समिति के अध्यक्ष बाबुल गुप्ता ने बताया कि इस साल का विसर्जन ओर खास होगा। क्योंकि नाव में लोगों की संख्या तो कम होगी ही। साथ ही माता की प्रतिमा लिए नाव को चारों तरफ भ्रमण कराने के लिए गोताखोरों की टीम को ही इस कार्य में लगाया है। विसर्जन के लिए नाव में सवार किसी सदस्य को नाव को चलाने की जरुरत नहीं पड़ेगा।
तीन दशक से हो रहा है नाव से प्रतिमा विसर्जन
गौरतलब है कि शहर के बरवाडीह पुलिस लाईन मोड़ स्थित मानसरोवर तालाब में करीब तीन दशक से अधिक वक्त से नाव में मां दुर्गे की प्रतिमा चढ़ाकर विसर्जन किया जाता है। इस भव्य और अलौकिक नजारें को देखने के लिए विजयादशमी के दिन दोपहर से ही हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ लगनी शुरु हो जाती है। कई दुसरे जिले के श्रद्धालु भी इस अलौकिक नजारों के साक्षी बनते है। यही नही डीसी, एसपी समेत पूरा प्रशासनिक महकमा भी इस दौरान तालाब की सुरक्षा के लिए मौजूद रहते है। हालांकि विसर्जन के दौरान कोई अनहोनी नहीं हो। इसके लिए गोताखोरों की टीम को भी तालाब में तैनात किया जाता है।