स्कूल खुला तो गिरिडीह के निजी स्कूलों के छात्रों ने कहा अब खत्म हुई चिंताए हर विषय पर हो पाएगा सही से पढ़ाई
हर रोज हो सकेगा अब अच्छे से पढ़ाई
गिरिडीह
जारी महामारी के खतरे के बीच ढाई साल बाद क्लास 1 से 12 वी के लिए स्कूल खुला तो गिरिडीह में भी छात्रों में उत्साह दिखा। कमोबेशए शहर से लेकर ग्रामीण इलाके के स्कूलों में स्टूडेंट्स शुक्रवार को क्लॉस अटेंड किया। और पढ़ाई करते नजर आएं। क्लास 1 से 12 वी की कक्षा शुरू हुआ। गुरुवार से शुरू हुए कक्षा के दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। हालाकि छात्रों की संख्या में बेहद कमी ही थी। खास तौर पर जूनियर क्लास 1 से लेकर क्लास 4 तक में छात्रों की संख्या ना के बराबर ही रहा। लेकिन शिक्षक के मौजूदगी और ढाई सालो बाद ब्लैक बोर्ड में ऑफलाइन पढ़ाई को लेकर छात्र दूसरे दिन पूरी रुचि के साथ पढ़ाई करते दिखे। मौके पर शिक्षक और शिक्षिकाएं भी छात्रों को पढ़ाती दिखी।
गुरवार से शुरू हुए पढ़ाई के दूसरे दिन शुक्रवार को शहर के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर स्कूल पहुंचा। जहा सरस्वती पूजा की तैयारी चल रही थी। तो क्लास भी चल रहा था। इस दौरान क्लास 4 की शिक्षिका पृथा सिन्हा बच्चो का क्लास ले रही थी।
शिक्षिका पृथा सिन्हा ने कहा की ऑनलाइन क्लास तो चल रहा था। लेकिन पढ़ाई में छात्रों को जो रुचि लेना चाहिए। वैसी रुचि किसी क्लास के छात्र नही ले पा रहे थे। हिंदी विषय की शिक्षिका ने ये भी कहा की चूंकि हिंदी का विषय काफी मुश्किलों भरा माना जाता है तो पूरा वर्णमाला छात्रों को ऑनलाइन क्लास के दौरान समझाना संभव नहीं हो पाता था।
इसी क्लास के छात्र अक्षत से जब न्यूज विंग ने शुरू हुए ऑफलाइन पढ़ाई पर उसका राय जानना चाहा तो अक्षत का कहना था की स्कूल खुला है तो इसे सबसे अधिक खुसी है। क्योंकि काफी दिनो से वो अपने दोस्तो से दूर था। इतना ही नहीं उसे ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान कई परेशानी उठाना पड़ा। और अब जब स्कूल खुला है तो वो यही चाहता है अब इसी तरह वो हर स्कूल आए।
विद्या मंदिर स्कूल के क्लास 11वी की छात्रा सुंगधा ने भी कहा की ऑनलाइन क्लास करना सबों के लिए संभव नहीं है। कभी मोबाइल का डाटा खत्म होने की चिंता तो कभी नेटवर्क समस्या। कई विषय की पढ़ाई वो कर भी नही पाती थी। खास तौर पर फिजिक्स और केमिस्ट्री के साथ इंग्लिश के विषय की पढ़ाई संभव नहीं हो पा रहा था।
इसी क्लास की छात्रा पूनम बाला ने कहा की ऑनलाइन पढ़ाई उसके लिए संभव नहीं था। क्योंकि लगातार पढ़ाई के कारण उसकी आंख में दर्द होना शुरू हो जाता था। जब एंकाउट विषय की पढ़ाई वो करती थी। तो उसे जितना समझना चाहिए। वो नही समझ पाती थी। लेकिन अब जब स्कूल खुला है तो अब उसकी चिंता खत्म हो चुका है।