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मृतका मुन्नी देवी के बच्चों से मिला सत्यार्थी फाउंडेशन का प्रतिनिधि मंडल

गिरिडीह। गावां प्रखंड अंतर्गत पिहरा पूर्वी पंचायत के ग्राम धरहरवा में पति-पत्नी विवाद के बाद मुन्नी देवी द्वारा मौत को गले लगाने के बाद अब उसके छह छोटे छोटे बच्चे बेसहारा हो चुके हैं। गौरतलब है कि मुन्नी देवी की मौत के बाद हत्या का आरोपित पति कृष्णा चैधरी भी सलाखों के पीछे है। मुन्नी देवी के सभी बच्चे फिलहाल अपने चाचा धनेश्वर चैधरी के पास रह रहे हैं। बच्चों की सुधि लेने कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन का एक प्रतिनिधि मंडल शनिवार को धरहरवा पहुंचा। इस दौरान प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने बच्चों से मुलाकात कर वस्तुस्थिति का जायजा लिया।

बड़ी बच्ची छठी में अध्ययनरत तो सबसे छोटी बच्ची की उम्र महज एक वर्ष

मुन्नी देवी व कृष्णा चैधरी चैधरी के छह बच्चे हैं। इन बच्चों में चार लड़की व दो लड़का है। सबसे बड़ी बच्ची पूनम कुमारी छठी, सोनम कुमारी चैथी, आरती कुमारी तिसरी व शिवम कुमार पहली कक्षा में अध्ययनरत हैं। वहीं शुभम कुमार और भारती कुमारी की उम्र महज तीन से एक साल के बीच है। बच्चों से मुलाकात के बाद प्रतिनिधियों ने बच्चों के चाचा धनेश्वर चैधरी से बातचीत की। इस दौरान धनेश्वर चैधरी ने बताया कि बच्चों की परवरिस और निगरानी के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

किशोर न्याय अधिनियम के तहत दी जाएगी सुरक्षा

कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के सहायक परियोजना पदाधिकारी सुरेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि घटना के बाद गावां प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के कार्यालय में आवेदन की मूल प्रति जमा की गई है। साथ ही बीडीओ से किशोर न्याय अधिनियम के तहत बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण की मांग की गई है। बताया कि इन बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर इनकी पढ़ाई, सुरक्षा और पुनर्वास सुनिश्चित करवाया जाएगा। बीडीओ मधु कुमारी ने बताया कि बाल कल्याण समिति गिरिडीह से संपर्क कर अतिशीघ्र बच्चों को उनके समक्ष प्रस्तुत कराया जाएगा। मौके पर चार सदस्यों के प्रतिनिधि मंडल में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के सहायक परियोजना पदाधिकारी सुरेन्द्र कुमार त्रिपाठी, वरिष्ठ कार्यकर्ता मो आरिफ अंसारी, राजेश शर्मा, भीम चैधरी सहित पिहरा पूर्वी के मुखिया सफदर अली, समाजसेवी पवन कुमार और गांव के गणमान्य लोग मौजूद थे।

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