जनता ने हेमंत सरकार को चुना है, कौन विधायक खुश है और कौन नाराज, इसे भाजपा को कोई मतलब नहींः बाबूलाल मंराडी
थर्ड और चर्तुथ वर्ग की नौकरी के लिए हेमंत सरकार की 10 और 12वीं पास की नीति भी उनके लिए फांस साबित होगी
गिरिडीह पहुंचे भाजपा मंराडी, कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत
गिरिडीहः
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मंराडी मंगलवार को गिरिडीह पहुंचे। और सर्किट हाउस में कार्यकर्ताओं से मिलने के दौरान पत्रकारों से बातचीत किया। बातचीत के क्रम में ही भाजपा नेता मंराडी हेमंत सरकार और झामुमो पर एक के बाद एक कई प्रहार करते गए। और कहा कि नियोजन हो या स्थानीय नीति। हेमंत सरकार और झाामुमो दोनों को समझ ही नहीं आ रहा कि किस प्रकार फैसला करे। क्योंकि एक तरफ हेमंत सरकार 10 और 12वीं पास छात्रों को नियोजन नीति यानि, थर्ड और चतुर्थ वर्ग के नौकरी के दायरे में रखना चाहती है। लेकिन स्थानीति नीति के कारण यह भी स्पस्ट नहीं हो पा रहा है। अब हेमंत सरकार और झामुमो दोनों मिलकर तय करे कि क्या सही और कौन गलत है? क्योंकि इसे तो नौकरी के जरुरतमंद शिक्षित युवाओं में सिर्फ भ्रम पैदा हो रहा है। बातचीत के दौरान तर्क के साथ भाजपा विधायक दल के नेता मंराडी ने कहा कि जब उनका सत्ता था, तो वे अपने कार्यकाल में स्थानीय और नियोजन नीति को स्पस्ट करते हुए कई बहाली कराएं थे। इसमें शिक्षक से लेकर सिपाही और थर्ड ग्रेड के साथ चर्तुथ वर्ग की नौकरी भी शामिल था। इस बीच जब झामुमो की सरकार बनी, तो नीति को ही निरस्त कर दिया। जिसका खामियाजा युवाओं को भुगतना पड़ रहा है।
मंराडी ने कहा कि जब साल 2014 में रघुवर दास के नेत्तृव में भाजपा की सरकार बनी। तो स्थानीय नीति में 1985 को कटआॅफ डेट निर्धारित किया गया। और बहाली की प्रकिया शुरु हुई। दो साल पहले हेमंत सरकार सत्ता में आई। तो इस नीति को भी मानने से इंकार कर दिया। अब झामुमो और हेमंत सरकार ही स्पस्ट करे कि वो किस नीति के तहत नियोजन की प्रकिया शुरु करना चाहते है। भाजपा की और से कोई विरोध नहीं होगा, ये तय है। वैसे मंराडी ने मीडिया से बातचीत के क्रम में स्पस्ट कर दिया कि सत्तारुढ़ दल के विधायकों से मिलना कोई नई पहेली नहीं है क्योंकि जनता ने हेमंत सरकार को चुना है। अब भीतर में कौन नाराज है और कौन खुश। इस पर वो बोलना जरुरी नहीं समझते।

एक सवाल के जवाब में विधायक दल के नेता मंराडी ने हेमंत सरकार से साहिबगंज गंगा घाट पर जहाज डूबने के मामले में एक बार फिर सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि वो और भाजपा इस मामले में चुप नहीं बैठने वाली। क्योंकि साहिबगंज के डीसी ने जो बयान दिया है वो मामले को उलझाने वाला है। जबकि घटना के कई प्रत्यक्षदर्शियों का बयान बिल्कुल अलग है। ऐसे में हेमंत सरकार सबसे पहले साहिबगंज के डीसी को संस्पैड करे। एक अन्य सवाल के जवाब में मंराडी ने कहा कि पंचायत चुनाव मंे ओबीसी आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर गिरिडीह सांसद सीपी चाौधरी सुप्रीम कोर्ट गए है। यह एक स्वाग्तयोग्य कदम है। लेकिन उनके नेत्तृव में भाजपा की सरकार थी, तो ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण को लेकर उनका हमेशा समर्थन रहा।
इधर सर्किट हाउस पहुंचे भाजपा नेता मंराडी का पार्टी के जिलाध्यक्ष महादेव दुबे, जमुआ विधायक केदार हाजरा, नगर अध्यक्ष हरमिंदर सिंह बग्गा, पार्टी के जिला महामंत्री सुभाष चन्द्र सिन्हा, संदीप डंगाईच, सांसद प्रतिनिधी दिनेश यादव, पूर्व नगर अध्यक्ष संजीत सिंह पप्पू, भाजपा नेत्री प्रो. विनीता कुमारी, उषा देवी, समरद्वीप, ज्योति कुमार शर्मा, अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जाकिर हुसैन छोटू, श्याम प्रसाद गुप्ता, मनोज संघई समेत कई मौजूद थे।