लेदा स्थित शांति धाम में कलश यात्रा के साथ शुरू हुई नौ कुंडीय नवचेतना गायत्री महायज्ञ
- कलश यात्रा में काफी संख्या में शामिल हुई श्रद्धालू महिलाएं व युवतियां
गिरिडीह। अखिल विश्व गायत्री परिवार के द्वारा शनिवार को लेदा में नौ कुंडीय नवचेतना जागरण गायत्री महायज्ञ की शुरूआत भव्य कलश यात्रा के साथ की गई। जिसमें 601 श्रद्धालु माताओं-बहनों ने भाग लिया। साथ ही 75 युवतियों ने अपने सिर पर पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य लिखित सदग्रंथ को धारण कर मंगल कलश यात्रा में शामिल हुई। इस मौके पर बतौर अतिथि नरेश प्रसाद वर्मा एवं प्रणव वर्मा के द्वारा संयुक्त रूप से धर्म ध्वजा फहराया गया। वहीं ज़िला परिषद अध्यक्षा मुनिया देवी के द्वारा मंगल कलश यात्रा का शुभारंभ किया गया। मंगल कलश यात्रा यज्ञ स्थल शांति धाम लेदा से प्रारंभ होकर जलअहरी तलाब पहुंची जहां वैदिक मंत्रों के साथ कलश में जल भरा गया, इसके बाद कलश यात्रा वापस यज्ञ स्थल पर पहुंची। जहां पर सभी कलशों की सामूहिक आरती की गई। कलश यात्रा के दौरान लोगों के द्वारा हम बदलेंगे युग बदलेगा, हम सुधरेंगे युग सुधरेगा, मानव मात्र एक समान, नर और नारी एक समान, जो हुआ नशा का शिकार, उजड़ा उसका घर परिवार, नहीं पिएंगे नहीं पिएंगे इंसानों की तरह जियेंगे सरिखे नारे लगाए जा रहे थे।
मौके पर गायत्री परिवार के उप जोन प्रभारी बुद्धन प्रसाद वर्मा ने कहा कि इस मिशन के संस्थापिका परम वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा का जन्म शताब्दी वर्ष 2026 तक वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी के संदेश को गांव-गांव तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वहीं लोगों को संबोधित करते हुए जिला प्रमुख कामेश्वर सिंह ने कहा कि लोगों को आस्तिकता से जोड़ने के लिए, समाज में व्याप्त अंधविश्वास एवं कुरीतियों को समाप्त करने के लिए, जन जन को गायत्री उपासना से जोड़ने के लिए एवं लोगों को स्वावलंबन से जोड़ने के लिए लगातार अखिल विश्व गायत्री परिवार के द्वारा गांव-गांव जाकर गायत्री महायज्ञ संपन्न कराया जा रहा है। बताया कि इस वर्ष जिले में 6 स्थानों पर गायत्री महायज्ञ संपन्न हो चुके है।
कलश यात्रा को सफल बनाने में मुखिया माधुरी देवी, राजेश कुमार राम, जय प्रकाश राम, राजेश कुमार वर्मा, राजेंद्र कुमार, कृष्णा प्रसाद बर्मा, विनोद कुमार पांडेय, दीपक कुमार गुप्ता, रवि साहू, शंकर प्रसाद वर्मा, गणेश प्रसाद महतो, मनोहर राम, ध्रूव कुमार, राज कुमार वर्मा, सहदेव प्रसाद वर्मा, अशोक कुमार साव, दशरथ महतो, सुनील प्रसाद वर्मा, सावित्री देवी, रुक्मिणी देवी, अनीता देवी सहित पूरे गांव के लोगों का सहयोग रहा।