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खनन विभाग देखता रह जाता है और अवैध कारोबारी गिरिडीह में फर्जी चालान पर पत्थरों की ढुलाई कर निकल जाते है

गिरिडीहः
खनन विभाग के तमाम प्रयास के बाद भी फर्जी चालान पर गिरिडीह में अवैध पत्थर का कारोबार खूब चल रहा है। इसकी बानगी है कि पिछले कुछ दिनों पहले जिले के धनवार के घोड़थंबा ओपी में दो ट्रक जब्त किए गए थे। तो इन दोनों के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था। दोनों ट्रकों में सफेद क्वार्टज पत्थर के साथ क्रैशर मील में इस्तेमाल किए आने वाले पत्थर जब्त किए गए थे। धनवार के घोड़थंबा ओपी की पुलिस ने दोनों ट्रक को जब्त करने के साथ पत्थरों के तीन अवैध कारोबारियांे के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था। इसके बाद अब फर्जी चालान पर पत्थरों का अवैध कारोबार खूब किया जा रहा है। इसे सरकार के राजस्व का नुकसान सबसे अधिक हो रहा है। वैसे जो मामला सामने आया है उसके अनुसार गांवा के मेसर्स ओम हनुमान इंटरप्राईजेज के फर्जी चालान पर पत्थरों के अवैध कारोबारी इसे अंजाम दे रहे है। वैसे इसकी जानकारी खनन विभाग को है या नहीं। यह फिलहाल स्पस्ट नहीं हुआ है। लेकिन इसी ओम हनुमान इंटरप्राईजेज का फर्जी चालान का इस्तेमाल कर पत्थर खदान से अवैध पत्थरों का कारोबार तेजी से चल रहा है। इसका खुलासा भी मंगलवार को हुआ। जब हनुमान इंटरप्राईजेज के संचालक और डुमरी के खदान संचालक राजकुमार ओझा को जानकारी मिली कि उनके कंपनी का फर्जी चालान तैयार कर अवैध कारोबारी इस कारोबार को अंजाम दे रहे है।

यही नही फर्जी चालान तैयार करने वाला एक सिडिकेंट ही इसमें सक्रिय है। और इसी सिडिकेंट के कारोबारी गिरिडीह सदर प्रखंड के तेलोडीह, उदनाबाद समेत धनवार के इलाकों के पत्थर खदान के साथ गांवा और बेंगाबाद व गांडेय के पत्थर खदान के खदानों से पत्थर क्रैशर मीलों तक पहुंचा रहे है। इस सिडिकेंट के अधिकांश सदस्य शहरी इलााकों के साथ सदर प्रखंड के जीतपुर के इलाके से जुड़े बताएं जा रहे है। जो ओम हनुमान इंटरप्राईजेज कंपनी का फर्जी चालान का इस्तेमाल कर अवैध कारोबार कर रहे है। हैरानी की बात तो यह भी है कि फर्जी चालान में जीएसटी नंबर और खदान के लीजधारक राजकुमार ओझा द्वारा दिया गया एड्रैस भी वही अंकित है। जिसे लीजधारक ने खनन विभाग को दिया था।

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