मनरेगा कार्य में हो रही है भारी गड़बड़ी, अधिकारी मौन
- ग्रामीणों ने कहा मनरेगा ठेकेदारों को लूट की छूट दे रखा है अधिकारी
गिरिडीह। गावां प्रखंड के गावां, आमतरो, सेरूआ, पिहरा, गदर सहित कई पंचायतों में मनरेगा योजना में लूट मची है। मगर अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हैं। अधिकारियों के इस तरह चुप रहने व योजनाओं की जांच नही होने से रोजगार सेवक, पंचायत सेवक, जेईई, ऐई, बीपीओ आदि ने मनरेगा ठेकेदारों का लूट मचाने का खुली छूट दे रखे है। नतीजन पूरे प्रखंड में मनरेगा के तहत हो रहे कूप निर्माण, टीसीबी, मिट्टी मोरम सड़क आदि में अधूरा कार्य कर व किए गए कार्य को दुबारा अंकित कर पैसे निकाले जा रहे हैं। इसके साथ ही मनरेगा जॉब कार्ड में भी काफी फर्जियां होने की सूचना मिल रही है।
बता दें कि मनरेगा योजना के तहत कराए जा रहे इन अधिकांश कार्यों में बोर्ड नही लगाया जा रहा है। जिससे योजना के बारे में आम जनों को जानकारी नहीं मिलती है और एक ही योजना को दुबारा चढ़ा कर पैसे की आसानी से निकासी फर्जी जॉब कार्ड से कर ली जाती है।
बताते चलें कि मनरेगा ठेकेदारों द्वारा विभाग के कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक कमीशन देने की चर्चा हर ओर है। जिस कारण मनरेगा में हो रही गड़बड़ियों में अंकुश नहीं लगाया जा पा रहा है। हम बात करे की फर्जी जॉब कार्ड की तो प्रत्येक योजनाओं में देखा जाए तो लगभग हरेक कार्डधारियों के खाते में मनरेगा मजदूरी का भुगतान के चंद घंटों में ठेकेदारों द्वारा ऑनलाइन पैसा निकाल लिया जा रहा है, जो यह पूर्णतः साबित करता है कि मनरेगा में जॉब कार्ड धारियों से कार्य नही लिया जा रहा है।
विगत हो कि कुछ दिन पूर्व सेरुआ पंचायत के ग्रामीणों द्वारा डीडीसी को आवेदन दिया गया था। जिसके बाद गुरुवार को जिले से जांच टीम पहुंची थी और उन्होंने भी मनरेगा में गड़बड़ी होने की बात स्वीकारा साथ ही कार्यवाही करने की बात कही। जिसके बाद सभी मनरेगा ठिकेदार जांच अधिकारियों से सांठ-गांठ करने में लग गए। वहीं इसे लेकर ग्रामीणों में चर्चाएं भी हो रही है कि इस मामले में भी अधिकारी चुप ही बैठेंगे। मनरेगा योजना में सिर्फ लूट मचा रहेगा।