गावां प्रखंड को सुखाड़ घोषित करने सहित अन्य मांगों को लेकर माले ने दिया धरना
- गिट्टी और बालू पर लगें प्रतिबंधों को हटाने की मांग
गिरिडीह। अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले गुरुवार को गावां प्रखंड मुख्यालय में भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने गावां प्रखंड को सुखाड़ घोषित करने साहित अन्य मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया। धरना से पूर्व गावां बाजार में एक प्रतिवाद मार्च भी निकाला गया। मार्च में प्रखंड को सुखाड़ घोषित करना होगा, ढिबरा को चालू करना होगा, गिट्टी-बालू पर लगे प्रतिबंधों को हटाना होगा आदि के नारे लगाए गए।
धरना को संबोधित करते भाकपा माले पार्टी सचिव नागेश्वर यादव ने कहा कि गावां प्रखंड एक कृषि प्रधान क्षेत्र है। यहां 80 प्रतिशत से ज्यादा किसान लोग किसान से निवास करते हैं। बारिश नहीं होने के कारण यहां के किसान दोहरी मार झेल रही है। लेकिन सरकार किसी भी तरह के यहां के किसानों का सहायता प्रदान नहीं कर रही है। ऐसे में प्रखंड को सुखाड़ क्षेत्र घोषित कर उनकी समुचित व्यवस्था करें। उन्हें समय पर ऋण के साथ बीज उपलब्ध कराए ताकि उनका जीवन यापन हो सके। उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में जो एमडीएम राशि के नाम पर शिक्षक और प्रधानाध्यापक द्वारा पैसों का बंदरबांट किया गया है। इसकी निष्पक्ष जांच हो और बच्चों की बीच पूरी राशि का वितरण किया जाए।
जिप सदस्य पवन चौधरी ने कहा कि गिट्टी और बालू पर लगे प्रतिबंधों को हटाते हुए राज्य सरकार को इसपर छूट देना चाहिए। आज बालू और गिट्टी के अभाव में आवास से लेकर सरकारी काम बंद है। यदि लोग घर बनाने के लिए लोग बालू मंगवाते हैं तो उनको पकड़ कर जेल भेज दिया जाता है। अशोक मिस्त्री ने कहा कि प्रशासन ढिबरा बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले मजदूरों को पकड़कर जेल भेज रही है। जिससे उनका परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। वहीं किसानों को मवेशी तस्करी के आरोप में जेल भेज दिया जा रहा है जो कहीं से उचित नहीं है। प्रशासन इसपर लगाम लगाएं अन्यथा भाकपा माले चुप नहीं बैठेगी।