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श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले के विरोध में सड़क पर उतरा जैन समाज, निकाला विशाल मौन जुलूस

  • राजनीतिक दलों व हिन्दू संगठनों के साथ कई समाज के लोगों का भी मिला साथ

गिरिडीह। सरकार के द्वारा श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले के विरोध में जहां एक ओर देश के विभिन्न हिस्सों में जैन समाज के द्वारा सड़क पर उतरकर विरोध किया जा रहा है। वहीं गुरुवार को गिरिडीह में भी सकल जैन समाज के द्वारा मौन जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया गया। जिसमें राज्य के विभिन्न जिलों से आये जैन समाज के अलावे मारवाड़ी समाज, सिख समाज, बरनवाल सेवा समिति सहित भाजपा, रालोजपा व कई हिन्दू संगठन के लोगों ने हिस्सा लिया और शहर का भ्रमण किया। सकल जैन समाज के बैनर तले शहर के बड़ा चौक स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर से मौन जुलूस निकाला गया। हाथों में तख्तियां लिए महिला, पुरूष, बच्चों ने अपने पवित्र तीर्थ स्थल की पवित्रता को बचाने की मांग करते हुए पूरे शहर का भ्रमण करते हुए समाहरणालय परिसर पहुंचे और पीएम व सीएम के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सोंपा।

इस दौरान जैन समाज की महिलाओं ने कहा कि पूरे विश्व में जैन समाज अहिंसा के रास्ते पर चलना अपना धर्म मानता है, और अब जैन समाज के आस्था को आघात पहुंचाया जा रहा है। सरकार को सोचना चाहिए की 20 तीर्थंकरों ने श्री सम्मेद शिखर जी पर निर्वाण प्राप्त किया है। इस दौरान रामगढ़ से आई जैन समाज की एक छात्रा अंजली जैन ने भी सरकार के कदम की आलोचना करते हुए कहा की सरकार को इस पर विचार करना होगा। क्योंकि पूरे जैन समाज की आस्था इससे जुड़ी हुई है।

इस दौरान सकल जैन समाज के अशोक पांडया, नोकेश जैन, उपाध्यक्ष रमेश जैन, विजय जैन, रमेश जैन, महेश जैन, अजय जैन मंत्रआणि मंजू जैन, हेमलता जैन, उपमंत्रानी सरोज जैन, रश्मि जैन ने कहा कि सरकार उनकी आस्था के साथ खिलवाड़ करना चाह रही है। जिसे किसी भी हालत में बर्दास्त नही किया जायेगा। कहा कि श्री सम्मेद शिखर जी जैन समाज का सबसे बड़ा और सबसे पवित्र तीर्थ स्थल है और इस किसी भी हालत में अपवित्र नही होने दिया जायेगा।

मौन जुलूस में शहर के उद्योगपति डॉक्टर अमरजीत सिंह सलूजा, डॉ गुणवंत सिंह सलूजा, बरनवाल समाज के अध्यक्ष लखन बरनवाल, रालोजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार राज ने कहा कि 20 तीर्थंकरों के निर्वाण भूमि श्री सम्मेद शिखर जी जैन समाज का पवित्र तीर्थ स्थल रहा है और अब इसे पर्यटन स्थल बना देना कहीं से भी उचित नही है। सरकार इसे तीर्थस्थल के रूप में ही विकसित करंे, ना की पर्यटन स्थल के रूप में।

मौन रैली में सिख समुदाय के प्रधान सेवक डॉक्टर गुणवंत सिंह सलूजा, डॉक्टर अमरजीत सिंह सलूजा, मणि सलूजा, ऋषि सलूजा, पूर्व चेयरमैन अभय शाहाबादी, चरणजीत सिंह, राजन सिंह सलूजा, नरेंद्र सिंह सलूजा के साथ बरनवाल समाज के लखन बरनवाल, चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदीप अग्रवाल, निर्मल झुनझुनवाला, रेडक्रॉस के सचिव राकेश मोदी, दिनेश खेतान, अरूण जालान, वनवासी कल्याण केन्द्र के विनोद केशरी, कुंदन केशरी, भाजपा नेता संदीप डंगाईच, हरमिंदर सिंह बग्गा, राजेंद्र सिंह बग्गा, मनोज संघई, भाजपा नेत्री विनिता कुमारी, रालोजपा नेता राजकुमार राज, झामुमो नेता सईद अख्तर, सुरेश बरनवाल के साथ जैन समाज के प्रमुख अशोक जैन पांड्या, अंकित जैन, अजय जैन, विजयमल सेठी, अविनाश सेठी, महेश जैन, रमेश जैन, अरिहंत जैन, शंभू जैन, धीरज जैन, बल्ली जैन, हेमलता सेठी, मंजू जैन, सरोज जैन, विनिता सेठ्ठी समेत हजारों की संख्या में जैन समाज के साथ अलग अलग समुदाय के लोगो ने बढ़ चढ़कर मौन रैली में शामिल हुए और सरकार के इस निर्णय का विरोध जताया।

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