गिरिडीह प्रशासन ने कैलाश सत्यार्थी फांउडेशन के सहयोग से रविवार को किया बाल विवाह मुक्त अभियान का शुरुआत
डीसी के साथ कर्मियों और ग्रामीणों ने जलाया दीया, तो छात्राओं ने मशाल जलाकर की कलंक का प्रतिकार
गिरिडीहः
बाल विवाह मुक्त अभियान की शुरुआत रविवार को गिरिडीह में डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने दीप जलाकर किया। कैलाश सत्यार्थी फांउडेशन के सहयोग से समाहरणालय परिसर में आयोजित इस बड़े कार्यक्रम के दौरान समाज कल्याण पदाधिकारी अलका हेम्ब्रम, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रश्मि सिन्हा, नीति आयोग की समवयंक अंजली बिनसिकदर समेत समाहरणालय के कई कर्मी शामिल हुए। इस दौरान एक टेबल को फूलों से सजाकर डीसी और समाज कल्याण पदाधिकारी समेत पदाधिकारियांे और कर्मियों ने अपने-अपने संकल्प के साथ एक-एक दीया और मोमबत्ती भी जलाया। तो संकल्प भी लिया कि वो किसी सूरत में बाल विवाह के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होगें, और जब जहां ऐसे हालात दिखेगें कि बाल विवाह हो रहा है। तो उसे अपने स्तर से रोकने का भी प्रयास करेगें। मौके पर डीसी ने दीया जलाने के साथ जिले के लोगों से अपील करते हुए कहा कि बाल विवाह के खिलाफ समाज के एक-एक व्यक्ति को जागरुक होने की जरुरत है।

तभी समाज और देश बाल विवाह मुक्त होगा। समाज में बाल विवाह को एक अभिशाप बताते हुए डीसी ने कहा कि सरकार से लेकर प्रशासन तक का मकसद सिर्फ यही है कि हर हाल में समाज को इस कलंक से मुक्त कराना है। गरीबी का बहाना बनाकर किशोरी बेटियों को इस कुप्रथा में धकेल दिया जाता है। जिसकी इजाजत ना तो सरकार देती है और ना ही न्यायलय। प्रशासन के कार्यक्रम में बचपन बचाओ आंदोलन के प्रतिनिधी के साथ बाल संरक्षण पदाधिकारी भी शामिल हुए। तो जिले के अलग-अलग प्रखंडो में भी बाल विवाह मुक्त अभियान पर कार्यक्रम किए गए।

जबकि सदर प्रखंड के कस्तूरबा आवसीय बालिका विद्यालय में ही छात्राओं ने मशाल जलाकर देश में होते बाल विवाह के खिलाफ कड़ा प्रतिकार की। कैलाश सत्यार्थी फांउडेशन के सहयोग से रविवार को बाल विवाह मुक्त अभियान का कार्यक्रम पूरे जिले में हुआ। जिसमें आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका के साथ आपकी सरकार आपके द्वार शिविर में भी मौजूद पदाधिकारियों के साथ कर्मियों और ग्रामीणों को संकल्प दिलाया गया। इतने बड़े पैमाने पर हुए कार्यक्रम में पूरे जिले में करीब डेढ़ लाख से अधिक लोग शामिल हुए। इस दौरान कहीं दीया जलाया गया, तो कहीं छात्राओं ने मशााल जलाकर इस कलंक का प्रतिकार करती दिखी।