हत्या के आरोप गिरिडीह कोर्ट ने दो महिलाओं को माना कसूरवार, कोर्ट द्वारा कसूरवार ठहराएं जाने पर फूट-फूट कर रो पड़ी आरोपी
गिरिडीहः
महज पांच हजार बकाया के मांग को लेकर हुए विवाद के दौरान हत्या के एक मामले में गिरिडीह कोर्ट ने दो महिलाओं को कसूरवार माना। और दोनों पर शुक्रवार को आरोप गठित किया। वहीं अब सोमवार को दोनों महिलाओं को सजा सुनाया जाएगा। वहीं एक आरोपी सोबन हेम्ब्रम को साक्ष्य के अभाव में रिहा भी कर दिया गया। दोनांे महिलाओं पर आरोप गठित किए जाने के बाद तृतीय अपर जिला एंव सत्र न्यायधशी सोमेन्द्र नाथ सिकदर के कोर्ट ने दोनों आरोपी महिलाओं को न्यायिक हिरासत में लेने का निर्देश दिया। लेकिन एक आरोपी महिला मीनू हेम्ब्रम जज के इस आदेश के बाद कोर्ट में ही फूट-फूट कर रोने लगी। और जज से मुक्त करने का भी अपील करती दिखी। मामले में सरकारी वकील सुधीर कुमार ने मजबूत दलील दिया। तो बचाव पक्ष के अधिकवक्ता भी अपने और दलीलों को रखा। लेकिन सरकारी वकील के दलील के आधार पर तृतीय अपर जिला एंव सत्र न्यायधीश सौमेन्द्र नाथ सिकदर ने दोनों आरोपी महिला मीनू हेम्ब्रम और गीता मुर्मु को कसूरवार मानते हुए दोषी पाया। हत्या का यह मामला तीन साल पहले साल 2020 का है। जानकारी के अनुसार गिरिडीह के बेंगाबाद थाना क्षेत्र के बुढ़ियासराय गांव में बकाया पांच हजार के मांग को लेकर बुढ़ियासराव गांव में मंझली देवी की हत्या हुई थी। मृतका मंझली देवी के हत्या का आरोप उसके पति रशी हेम्ब्रम ने अपने रिश्तेदारों सोबन हेम्ब्रम, मीनू हेम्ब्रम और गीता मुर्मु पर लगाते हुए बेंगाबाद थाना में केस दर्ज कराया था। जिसमें मृतका के पति ने तीनों आरोपियों पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उसकी पत्नी को चारों आरोपियों ने घर से बाहर निकाल कर खींचते हुए उसकी हत्या कू्ररता के साथ कर दिया था। बीच-बचाव के दौरान चारों आरोपियों ने मृतका के पति रशी हेम्ब्रम के साथ भी मारपीट किया था। तीन साल पहले हुए हत्या के इस मामले में कुछ दिनों पहले बेंगाबाद पुलिस चार्जशीट सौंपा था। जिसके आधार पर अंतिम बहस शुक्रवार को हुआ, दो महिला आरोपी गीता मुर्मु और मीनू हेम्ब्रम को कसूरवार माना। वहीं एक आरोपी को रिहा कर दिया गया।