गिरिडीह काॅलेज का भविष्य संवारने पहुंचे केन्द्रीय स्तर पर नैक के चैयरमेन समेत चार सदस्यी टीम, किया काॅलेज का दौरा
काॅलेज के पिछड़ते शैक्षणिक माहौल और शिक्षकों की कमी से दो दिनांे तक अवगत होगी टीम
राज्य बनने के बाद यह पहला मौका जब केन्द्रीय स्तर की टीम कर रही है दौरा
गिरिडीहः
यूजीसी के निदेशक समेत नैक के चार सदस्यी टीम दो दिनों के दौरे पर गुरुवार को गिरिडीह काॅलेज पहुंची। मानव संसाधन विकास केन्द्र समेत वित्तीय सहयोग नैक के इस टीम का दौरा शैक्षणिक रुप से पिछड़ रहे काॅलेज को लेकर बेहद महत्पूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि चार सदस्यी टीम में यूजीसी निदेशक के समेत तीन अलग-अलग राज्यों के विवि के पूर्व प्राचार्य, लेक्चरर और डिप्टी रजिस्ट्रार शामिल थे। टीम में गुजरात विवि सह यूजीसी के निदेशक डा. जगदीश कुमार जोशी के अलावे पूर्वी उड़ीसा विवि ज्यूलाॅजी विभाग के लेक्चरर डा. हेमंत कुमार साहु, केरला के ओट्टापालम एनएसएस हिंदु काॅलेज के पूर्व प्राचार्य डा. राजन एमपी और कर्नाटक के तूमकुरु विवि के आर्गेनिक रसायन के सहायक प्रोफेसर सह डिप्टी रजिस्ट्रार डा. सुरेश डी शामिल थे। वैसे टीम के चैयरमेन सह निदेशक डा. जोशी ने पत्रकारों से कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। लेकिन टीम में शामिल एक सदस्य ने बताया कि नैक की यह टीम गिरिडीह काॅलेज के आधारभूत संरचना का अवलोकन करने पहुंची है।
काॅलेज के सारे भवन के हालात कैसे है और वर्तमान में काॅलेज के शैक्षणिक माहौल की जानकारी लेने पहुंची है कि कला, वाणिज्य और विज्ञान विषय में पढ़ाई के बाद छात्रों का परीक्षा परिणाम कैसा रहता है। काॅलेज में तीन विषयों के कितने शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मियों की संख्या कितना है। छात्रांे के अटेडेंस कितना है और तीनों विषयों में छात्रों के नामांकन के लिए कितना सीट उपलब्ध है। काॅलेज में मौजूद लैब के हालात कैसे है। और लैब में छात्रों द्वारा किस प्रकार से रिसर्च किए जाते है। और लैब में संसाधन मौजूद है या नहीं। ऐसे तमाम परेशानियों को जानने के लिए यूजीसी निदेशक सह चैयरमेन समेत नैक के चार सदस्यी टीम दो दिनों के दौरे पर गिरिडीह काॅलेज पहुंची। तो पहले दिन ही टीम ने काॅलेज के कई बिल्डिंगों के हालात देखे। साथ ही शैक्षणिक माहौल से लेकर शिक्षकों की कमी से रुबरु हुए। तीनों विषय के छात्रों के एडमिशन के लिए सीटों की उपलब्धता की जानकारी लिया।
इस दौरान टीम के सदस्यों के साथ काॅलेज के प्राचार्य डा. समीर सरकार और लेक्चरर मृगेन्द्र प्रताप सिंह भी इस दौरान काॅलेज के प्रशासनिक भवन में मौजूद थे। वैसे झारखंड बनने के बाद यह पहला मौका है जब केन्द्रीय स्तर पर नैक की टीम का दौरा गिरिडीह काॅलेज में हुआ। क्योंकि नैक की यह टीम एक रिपोर्ट तैयार करेगी। जिसके आधार पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ग्रेंडिग तय करेगा। इसके बाद गिरिडीह काॅलेज के अनुदान दिए जाने पर पर ठोस निर्णय लिया जाएगा। लिहाजा, माना जा रहा है कि नैक की टीम का यह दौरा गिरिडीह काॅलेज के भविष्य के लिए बेहद मायने रखता है।